किसानों को उन्नत एवं लाभप्रद खेती के लिये करें प्रोत्साहितः कृषि उत्पादन आयुक्त
- संभागीय बैठक में हुई कृषि एवं उससे जुड़े विभागों की गतिविधियों की समीक्षा, किसानों की आमदनी बढ़ाने पर विशेष जोर
ग्वालियर, 14 जून (हि.स.)। किसानों को उन्नत एवं लाभप्रद खेती के लिये प्रोत्साहित करें। फसलों में विविधता लाएँ और ऐसी फसलों को प्राथमिकता दें, जो कम समय में तैयार हो जाती हैं। साथ ही किसानों को प्रमाणित बीज, संतुलित उर्वरक एवं आधुनकि कृषि यंत्रों के उपयोग के लिये प्रेरित करें, जिससे अधिक उत्पादन हो और किसानों की आमदनी बढ़े। यह निर्देश कृषि उत्पादन आयुक्त एस एन मिश्रा ने शुक्रवार को संभागीय समीक्षा बैठक में कृषि एवं उससे जुड़े विभागों की गतिविधियों की समीक्षा के दौरान दिए। बैठक के पहले चरण में ग्वालियर एवं चंबल संभाग में गत रबी मौसम में हुए उत्पादन और खरीफ मौसम की तैयारियों की समीक्षा की गई। दूसरे चरण में पशुपालन, मत्स्य पालन एवं दुग्ध उत्पादन की समीक्षा हुई।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव सुखवीर सिंह, संभाग आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े व संजीव कुमार झा, ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान सहित दोनों संभागों के जिला कलेक्टर तथा उद्यानिकी, सहकारिता, बीज विकास निगम, विपणन संघ, बीज प्रमाणीकरण एवं कृषि से जुड़े अन्य विभागों के राज्य स्तरीय अधिकारी और दोनों संभागों के जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व संबंधित विभागों के संभागीय अधिकारी मौजूद थे।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने ग्वालियर-चंबल संभागों के सभी जिलों में खाद व बीज भण्डारण की समीक्षा की। साथ ही सभी जिला कलेक्टर को निर्देश दिए कि खरीफ मौसम में किसानों को खाद-बीज मिलने में दिक्कत न हो। वितरण केन्द्रों का लगातार निरीक्षण कर यह सुनश्चित किया जाए कि किसानों को कोई कठिनाई न हो।
क्लस्टर बनाकर दें उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा
कृषि उत्पादन आयुक्त मिश्रा ने कहा कि ग्वालियर-चंबल संभाग में उद्यानिकी अर्थात फल, फूल व सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा देने की बड़ी गुंजाइश है। इसलिए दोनों संभागों के हर जिले में स्थानीय परिस्थितियों व जलवायु के अनुसार क्लस्टर बनाकर उद्यानिकी फसलों से किसानों को जोड़ें। साथ ही हर जिले में किसानों के एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) बनाने पर भी विशेष बल दिया। उन्होंने कहा इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी।
खेत तालाब, स्प्रिंकलर व ड्रिप सिंचाई पद्धति को बढ़ावा दें
उन्होंने कम पानी में अधिक सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने वाली पद्धतियों को बढ़ावा देने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि ग्वालियर-चंबल संभाग में स्प्रिंकलर व ड्रिप सिंचाई पद्धति अपनाने के लिये किसानों को प्रेरित करें। साथ ही खेत तालाब बनाने के लिये भी किसानों को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा इन सिंचाई पद्धतियों के लिये सरकार द्वारा बड़ा अनुदान दिया जाता है।
मौसम एप का करें व्यापक प्रचार-प्रसार
उन्होंने मौसम एप का व्यापक प्रचार-प्रसार करने पर बैठक में विशेष रूप से निर्देश दिए। इस एप पर एक हफ्ते की मौसम की जानकारी उपलब्ध रहती है। यह एप गूगल प्ले स्टोर से आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है। कृषि उत्पादन आयुक्त एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि ने कहा कि इस एप के माध्यम से किसानों को मौसम की जानकारी समय से मिल सकेगी और वे मौसम को ध्यान में रखकर अपनी खेती-बाड़ी कर पायेंगे। साथ ही अपनी फसल को भी सुरक्षित कर सकेंगे।
कृषि उपज मंडियों को बनाएँ हाईटेक और कैशलेस
कृषि उत्पादन आयुक्त एसएन मिश्रा ने कृषि उपज मंडियों को हाईटेक, कैशलेस व सर्वसुविधायुक्त बनाने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा इसके लिये शासन से आर्थिक मदद दिलाई जायेगी। साथ ही कहा कि हाईटेक से आशय यह है कि मण्डी में किसान की उपज की तुरंत खरीदी हो जाए, उनके बैठने के लिये बेहतर व्यवस्था हो, कैशलेस भुगतान की सुविधा हो और कृषि उपज की ऑटो पैकेजिंग व्यवस्था हो। मिश्रा ने सभी जिला कलेक्टर को सहकारी बैंकों की वसूली कराकर बैंकों को मजबूत करने के निर्देश भी बैठक में दिए। उन्होंने किसान क्रेडिटधारी किसानों के साथ-साथ गैर ऋणी किसानों की फसल का बीमा कराने के लिये भी कहा।
किसानों को अनुदान आधारित कृषि यंत्र उपलब्ध कराएँ
अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल ने कहा कृषि यंत्रों का उपयोग किसानों के लिये हर तरह से लाभप्रद है। उन्होंने कृषि यंत्र एवं उपकरणों का प्रजेण्टेशन दिखाया और निर्देश दिए कि अनुदान के आधार पर हर जिले में किसानों को आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध कराएँ। उन्होंने ग्वालियर-चंबल संभाग में अरहर की पूषा वैरायटी अपनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। अरहर की पूषा वैरायटी 6 महीने में तैयार हो जाती है और इस फसल के बाद किसान दूसरी फसल भी ले सकते हैं।
वर्णवाल ने प्रमाणित बीज व उर्वरकों के संतुलित उपयोग व मिट्टी परीक्षण के लिये किसानों को प्रोत्साहित करने पर भी विशेष बल दिया। उन्होंने कहा मिट्टी परीक्षण के लिये स्थानीय कृषि स्नातक युवाओं के जरिए चलित लैब स्थापित कराई जा सकती हैं। इससे किसानों की ओर से मिट्टी परीक्षण की मांग बढ़ेगी और किसानों व कृषि स्नातक दोनों को फायदा होगा।
पशु नस्ल सुधार पर विशेष ध्यान दें
मिश्रा ने बैठक के द्वितीय चरण में पशुपालन, मत्स्य पालन एवं डेयरी उत्पादन सहित कृषि से जुड़ी गतिविधियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि कृषि आधारित अर्थव्यवस्था बगैर पशुपालन के मजबूत नहीं रह सकती। इसलिए किसानों को उन्नत नस्ल के पशुपालन के लिये प्रोत्साहित करें। खुशी की बात है कि दुग्ध उत्पादन में ग्वालियर व चंबल संभाग प्रदेश ही नहीं देश के अग्रणी जिलों में शुमार है। इसे और ऊँचाईयाँ देने के प्रयास करें। उन्होंने पशु नस्ल सुधार पर विशेष बल दिया। साथ ही बरसात से पहले सभी जिलों में मौसमी बीमारियों से बचाव के लिये अभियान बतौर टीकाकरण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हर जिले में गौ-शालाओं को प्रमुखता दें। अधूरी गौशालायें जल्द से जल्द पूरी कराई जाएँ। मिश्रा ने किसानों के दुग्ध व्यवसाय को संस्थागत रूप देने पर जोर देते हुए कहा कि उन्हें दुग्ध समितियों से जोड़ें। बैठक में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने और दुग्ध संघ को मजबूत करने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
द्वितीय चरण की बैठक में प्रमुख सचिव मत्स्य पालन डॉ. नवनीत कोठारी सहित पशुपालन, डेयरी व मत्स्य पालन विभाग के राज्य स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।
संभाग आयुक्त ने कहा-किसानों को जागरूक करने में सोशल मीडिया का उपयोग करें
संभाग आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े ने प्रगतिशील कृषकों द्वारा की जा रही उन्नत खेती की वीडियो क्लीपिंग बनाकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से अन्य किसानों को जागरूक करने का सुझाव दिया। साथ ही कहा कि किसानों को स्व-सहायता समूहों में संगठित करें, जिससे वे अधिक लाभ कमा सकें। उन्होंने समय के अनुसार खेती में बदलाव लाने पर भी बल दिया।
सभी जिलों के कलेक्टर ने बताईं अपने-अपने जिले की कार्ययोजना
खेती को लाभप्रद बनाने के लिये संभाग के सभी जिलों में बनाई गई कार्ययोजना के बारे में सभी कलेक्टरों ने अपने-अपने सुझाव दिए। ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान ने बताया कि ग्वालियर जिले में कस्टम हायर सेंटर बढ़ाए जायेंगे। जिले में नैनो यूरिया अपनाने के लिये किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। जिले में ज्वार, मक्का व उड़द तथा उद्यानिकी फसलों का रकबा बढ़ाया जायेगा। उन्होंने कहा कि तालाबों में पोली लायनिंग पद्धति अपनाने के लिये भी किसानों को प्रेरित किया जायेगा।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/नेहा