लोकतंत्र की सफेद चादर पर काला दाग था आपातकालः हितानंद शर्मा
- लोकतंत्र को रौंदने वाली कांग्रेस के पाप देश कभी नहीं भूल सकताः वैभव पंवार
भोपाल, 25 जून (हि.स.)। लोकतांत्रिक ढाँचे को तोड़ने का महापाप करने का दुस्साहस अगर किसी ने किया था, तो कांग्रेस ने और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया, जिन्होंने देश को आपातकाल का दंश दिया। उन्होंने भारत के लोकतंत्र की सफेद चादर पर काला दाग लगाने का काम किया। यह बात मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने कही।
आपातकाल की बरसी पर भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में युवाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस आज समाज में भ्रम फैला रही है कि संविधान खतरे में है, जबकि संविधान तो उन्होंने ही खतरे में डाला था। आज की पीढ़ी को यह जानना आवश्यक है।
'आपातकाल- लोकतंत्र का काला दिन' विषय पर विचार रखते हुए हितानंद ने कहा कि 1975 से लेकर 1977 के बीच देश की जनता ने जो भयावह दौर देखा उसे भुलाया नहीं जा सकता। आपातकाल के निरंकुश अत्याचारों ने देश की आत्मा को कभी न भरने वाले गहरे घाव दिये हैं। कांग्रेस की क्रूरता को आप भी जानें और उन लोगों को भी बताएं जिन्होंने आपातकाल में इनकी तानाशाही को नहीं देखा।
भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वैभव पंवार ने कहा कि सत्ता को अपने हाथ से फिसलता देख इंदिरा गांधी ने आपातकाल की बिसात रची। कांग्रेस के निरंकुश सत्ताधीशों ने अपने आप को सत्ता में बनाए रखने के लिए लोकतंत्र का गला घोंटा। जिस देश के नागरिकों को स्वतंत्र कराने के लिए असंख्य सेनानियों ने शताब्दियों तक संघर्ष कर अपने तन-मन- प्राण को आहूत किया, उस देश की जनता को कांग्रेस ने अपनी सत्ता लोलुपता के चलते आपातकाल से बंधक बनाया।
उन्होंने कहा कि जब-जब इस देश में क्रूरता का काला इतिहास लिखा जाएगा तब-तब मुगलों, अंग्रेजों के साथ दमनकारी कांग्रेस का नाम भी लिखा जाएगा। सत्ता के दुरुपयोग से रेडियो और अखबारों पर नियंत्रण कर खुद की जय-जयकार के नारे लगवाने वाली इंदिरा गांधी सत्य और लोकतंत्र की भक्षक बन गई थी।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश