मप्रः विद्यार्थियों की बॉयोमेट्रिक अटेंडेंस सुनिश्चित करेंगे शिक्षण संस्थान

 


- राज्यमंत्री कृष्णा गौर ने की विभागीय समीक्षा

भोपाल, 29 नवंबर (हि.स.)। पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों की अध्ययनरत संस्थाओं में 75 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिये सभी शैक्षणिक संस्थाओं को यूनिक आईडी “आधार’’ बेस्ड बॉयोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज करने के लिये कहा गया है। शैक्षणिक संस्थाओं में अध्ययनरत पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। इसी अनुक्रम में पिछड़ा वर्ग विभाग द्वारा यह निर्देश दिये गये हैं।

यह जानकारी विभाग द्वारा पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक कल्याण, विमुक्त, घुमंतु एवं अर्द्ध-घुमंतु राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर की अध्यक्षता में शुक्रवार को मंत्रालय में हुई समीक्षा बैठक में दी गयी। राज्य मंत्री कृष्णा गौर ने विभाग से विभागीय छात्रावासों में मैस व्यवस्था शुरू करने, सौर ऊर्जा प्लांट लगाने, बाउण्ड्री-वॉल बनाने के संबंध में की जा रही कार्यवाही के संबंध में जानकारी ली। बैठक में बताया गया कि पिछड़ा वर्ग के कन्या छात्रावासों में मैस संचालन के लिये शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।

राज्यमंत्री कृष्णा गौर ने विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना में प्राप्त शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए शिकायतों के निराकरण के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि योजना का क्रियान्वयन पारदर्शी ढंग से हो रहा है। इसमें जिस किसी ने भी कोई शिकायत की है, तो उसकी शिकायत का समाधानकारक जवाब दें।

राज्यमंत्री ने दिल्ली छात्र-गृह योजना में छात्र संख्या 50 से बढ़ाकर 150 करने और सहायता राशि में वृद्धि करने के लिये प्रस्ताव शासन को भेजे जाने की जानकारी दी गयी। बैठक में विदेश में रोजगार उपलब्ध कराने की योजना के संबंध में बताया गया कि अब तक पिछड़ा वर्ग के 7 विद्यार्थियों को जापान में प्लेसमेंट दिलाया गया है। बैठक में पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली छात्रवृत्तियों के सभी लंबित प्रकरणों का निराकरण कर छात्रवृत्ति का भुगतान सुनिश्चित करने के लिये कहा गया है। बैठक में बताया गया कि छात्रवृत्तियों के भुगतान के सभी लंबित प्रकरणों का निराकरण सुनिश्चित किया जा रहा है।

बैठक में बताया गया कि विमुक्त, घुमंतु, अर्द्ध-घुमंतु समुदायों के परिवारों का सर्वे किये जाने का कार्य शीघ्र शुरू किया जायेगा। डाटा कलेक्शन का यह कार्य पहले प्रदेश के 12 जिलों में होगा, इसके बाद शेष जिलों में किया जायेगा। विमुक्त, घुमंतु एवं अर्द्ध-घुमंतु समुदायों के लिये लोकरंग उत्सव आयोजित करने पर भी विचार किया जा रहा है। बैठक में विभागीय योजनाओं और कार्यक्रमों की विस्तार से समीक्षा की गयी। बैठक में अपर मुख्य सचिव पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण अजीत केसरी, आयुक्त सौरभ सुमन, संचालक विमुक्त, घुमंतु एवं अर्द्ध-घुमंतु श्री नीरज वशिष्ठ और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर