उज्जैनः महिदपुर छात्रावास मामले में जिला पंचायत सीईओ ने दिए जांच के निर्देश

 


उज्जैन, 8 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले की महिदपुर तहसील के कस्तूरबा गांधी कन्या छात्रावास की 15 छात्राओं को रविवार रात आंखों में जलन और खांसी के साथ ही सांस लेने में परेशानी होने लगी तो छात्रावास में अफरा-तफरी मच गई थी। प्राचार्य ने सभी को महिदपुर स्वास्थ्य केंद्र भेजा,जहां से हालत गंभीर होने पर 5 छात्राओं को उज्जैन चरक अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। इनमें से 2 आयसीयू में भर्ती हैं। सभी की हालत खतरे से बाहर है। हांलाकि यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि आखिर किस कारण से छात्राओं को आंखों में जलन और खांसी हुई और श्वास लेने में असुविधा हुई। इस मामले में जिला पंचायत सीईओ श्रेयांश कुमट ने सोमवार को जांच के आदेश दे दिए हैं।

जिला पंचायत सीईओ कुमट ने दैनिक स्वदेश को चर्चा में बताया कि वे स्वयं भी सोमवार को चरक अस्पताल में उपचाररत छात्राओं से मिलने गए ओर उनसे चर्चा भी की। ये सभी इस समय खतरे से बाहर हैं लेकिन इन्हे आब्जर्वेशन पर रखा गया है। उपचाररत छात्राओं ने उन्हे चर्चा में बताया कि वे जब अपने कक्ष में थीं तो खिडक़ी से पिछे देखा कि कुछ लडक़े स्कूटी से जा रहे हैं। पहले आंखों में जलन होने पर उन्होने माना कि सब्जी का छोंक रसोई में लगा होगा। जब सभी को लगातार खांसी भी होने लगी तो वार्डन ने प्राचार्य को सूचित किया और प्राचार्य बस से सभी को महिदपुर के स्वास्थ्य केंद्र पर ले गए। वहां पांच छात्राओं की तबियत अधिक खराब दिखने पर उन्हे उपचार के लिए उज्जैन के चरक अस्पताल लाया गया। इनमें से 2 आयसीयू में भर्ती है।

कुमट के अनुसार उन्होने निर्देश दिए हैं कि महिदपुर छात्रावास की छात्राओं के आक्सीजन लेवल पर नजर रखी जाए और एसपीओ-2 सतत जांचा जाए। इसीप्रकार चरक अस्पताल में छात्राओं को ऑक्सीजन पर इसलिए रखा गया है ताकि उनका लेवल मैंटेन रहे और उनको महसूस हो रही बैचेनी,घबराहट समाप्त हो। श्री कुमट के अनुसार सारे बिंदुओं पर ध्यान देकर जांच बैठाई गई है। यदि किन्ही लडक़ों की शरारत है तो सामने आएगी या अन्य कोई बात है तो भी वह जांच में सामने आएगी। फिलहाल सभी छात्राएं खतरे से बाहर हैं। प्रशासन उनके स्वास्थ्य पर सतत निगाह रखे हुए हैं।

इस संबंध में प्राचार्य व हॉस्टल प्रभारी अर्जुनसिंह दावरे ने बताया कि घटना रविवार रात करीब 9.45 बजे की है। उन्हें भी छात्राओं ने यही बताया है कि हॉस्टल के बाहर मैदान में कुछ गाडिय़ां घूमती देखी गई थीं। इसके बाद ही धुएं जैसी कुछ गैस खिडक़ी से कमरे तक पहुंची और उनकी तबीयत बिगड़ी। इसके बाद सभी को बस में बैठाकर महिदपुर अस्पताल लेकर पहुंंचें। जहां उनको उपचार दिया गया। उन्होने बताया कि महिदपुर अस्पताल में भर्ती छात्राओं में हेमलता डाबिया 18 वर्ष, शीला प्रजापत 17 वर्ष, शिव कन्या चौधरी 18 वर्ष, पायल कुंवर 17 वर्ष, मोनिका बैरागी 15 वर्ष की हालत बिगडऩे पर चरक अस्पताल में रेफर किया गया था। इनमें से हेमलता और शीला प्रजापत की हालत गंभीर होने पर दोनों आईसीयू में भर्ती करना पड़ा,जोकि अब खतरे से बाहर है। सभी छात्राओं के वाइटल पैरामीटर्स, ऑक्सीजन लेवल, बीपी और अन्य आवश्यक जांच सामान्य पाई गई है।

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हिन्दुस्थान समाचार / ललित ज्‍वेल