इंदौरः संभागायुक्त ने धार पहुँचकर की राजस्व महा अभियान की प्रगति की समीक्षा

 


- राजस्व हल्के में जाकर मोबाइल कोर्ट लगाएं, मौके पर ही जाँच रिपोर्ट बुलाकर कराएं प्रकरण का निराकरणः संभागायुक्त

इंदौर, 22 अगस्त (हि.स.)। संभागायुक्त दीपक सिंह ने गुरुवार को धार पहुंचकर राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए प्रारंभ किए गए राजस्व महा अभियान 2.0 की समीक्षा की। कलेक्टर कार्यालय में उन्होंने राजस्व अधिकारियों की बैठक ली और विभिन्न राजस्व न्यायालयों का निरीक्षण भी किया। इस अवसर पर कलेक्टर प्रियंक मिश्रा सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

समीक्षा बैठक के दौरान संभागायुक्त ने निर्देश दिये कि तहसीलदार, नायब तहसीलदार, पटवारी हल्के में जाकर मोबाइल कोर्ट लगाएँ। मौके पर ही जाँच रिपोर्ट बुलवा कर प्रकरण का निराकरण कराएँ। उन्होंने निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाये कि जब कैम्प से लौटें तो कुछ उपलब्धियाँ साथ हो। प्रयास होना चाहिए कि राजस्व मामलों को प्रो ऐक्टिव दर्ज किया जाए। उन्होंने सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि राजस्व महा अभियान का प्रतिदिन रिव्यू करें। तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार स्तर पर प्रतिदिन डिस्पोजल प्रकरणों की समीक्षा करें। बेहतर समन्वय के साथ राजस्व प्रकरणों का त्वरित निराकरण सुनिश्चित किया जाए।

उन्होंने नए केस रजिस्ट्रेशन के लिए किए प्रयास के बारे में जानकारी लेकर कहा कि अन्य तहसीलों में हो रही राजस्व प्रकरणों के दर्ज एवं निराकरण की स्थिति का भी अवलोकन करें। उन्होंने केस डिस्पोजल में प्राप्त उपलब्धि पर ज़िले के राजस्व अधिकारियों की प्रशंसा भी की। उन्होंने निर्देश दिए कि राजस्व महा अभियान का प्राथमिकता के साथ प्रभावी रूप से क्रियान्वयन किया जाये। अभियान के लक्ष्यों को निर्धारित समय-सीमा में पूरा करें। पुराने लंबित राजस्व प्रकरणों को प्राथमिकता के साथ निराकरण किया जाए।

संभागायुक्त ने कहा कि राजस्व अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र का नियमित रूप से भ्रमण करें तथा ग्रामीणों से सीधा संवाद स्थापित कर राजस्व प्रकरणों के निराकरण के संबंध में चर्चा करें। राजस्व संबंधी उनकी समस्याएं सुनकर मौके पर ही निराकरण भी करें। उन्होंने राजस्व वसूली की समीक्षा करते हुये आवश्यक निर्देश दिये। उन्होंने डायवर्सन टैक्स वसूली पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये। उन्होंने समग्र ई केवायसी, नक्शा तरमीम, अविवादित नामांतरण और अविवादित बंटवारा, अभिलेख दुरुस्ती, स्वामित्व योजना आदि की प्रगति की भी समीक्षा की।

बैठक में कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने राजस्व महा अभियान की प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिले की प्रत्येक तहसील में एक आदर्श गाँव तैयार कर रहे हैं जिसमें राजस्व मामले की कोई पेंडेंसी नहीं होगी। इस बात की लगातार समीक्षा की जा रही है कि प्रकरण के निपटारे में समुचित प्रक्रिया अपनाई जा रही है या नहीं। उन्होंने ज़िले में रेलवे लाइन के लिए ज़मीन अधिग्रहण की जानकारी भी दी। उन्होंने पीएम मित्र टेक्सटाइल पार्क की प्रगति की जानकारी दी।

संभागायुक्त ने राजस्व न्यायालयों का निरीक्षण किया

बैठक के पश्चात संभागायुक्त ने विभिन्न राजस्व न्यायालयों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कलेक्टर, अनुविभागीय राजस्व और तहसीलदार न्यायालयों का निरीक्षण किया। उन्होंने उक्त न्यायालयों में दायरा पंजी का अवलोकन किया तथा पंजीकृत प्रकरणों के निराकरण की जानकारी ली। उन्होंने आरसीएमएस पोर्टल के माध्यम से निराकरण किये जा रहे प्रकरणों के संबंध में भी जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि अभियान के तहत पुराने लंबित प्रकरणों के निराकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए और प्राथमिकता से उन्हें निराकृत करें।

रिकॉर्ड रूम का भी निरीक्षण

संभागायुक्त ने कलेक्टर कार्यालय में स्थित रिकॉर्ड रूम का निरीक्षण किया। रिकॉर्ड रूम की विभिन्न व्यवस्थाओं को देखा और रिकॉर्ड के बारे में भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने निर्देश दिए कि रिकॉर्ड रूम को और अधिक बेहतर तथा सुरक्षित बनाया जाए। इस अवसर पर अपर कलेक्टर अश्विनी कुमार रावत सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर / उम्मेद सिंह रावत