जबलपुर : भ्रष्टाचार के आरोपी आरटीओ संतोष पॉल पर ईडी का बड़ा शिकंजा, 3.38 करोड़ की संपत्ति कुर्क
जबलपुर, 30 दिसंबर (हि.स.)। काली कमाई के कुबेर कहे जाने वाले और लंबे समय से भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे जबलपुर जिले के प्रभारी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) संतोष पॉल पर अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने संतोष पॉल और उनकी पत्नी रेखा पॉल की करीब 3.38 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया है। यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति के बहुचर्चित मामले में की गई है।
ईडी की भोपाल इकाई द्वारा की गई इस कार्रवाई में जबलपुर स्थित संतोष पॉल का आलीशान आवास, आवासीय प्लॉट, कृषि भूमि और कई व्यावसायिक दुकानें शामिल हैं। जांच में सामने आया है कि पॉल दंपति की कुल सत्यापित वैध आय लगभग 73.26 लाख रुपये थी, जबकि इसके मुकाबले उन्होंने करीब 4.80 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्तियां अर्जित कीं। जांच एजेंसियों के अनुसार इस मामले में लगभग 4.06 करोड़ रुपये की अनुपातहीन संपत्ति का खुलासा हुआ है।
यह पूरी कार्रवाई आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू ) की जांच के आधार पर की गई है। आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में भोपाल ईओडब्ल्यूने संतोष पॉल के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(1)(बी) एवं 13(2) के तहत प्रकरण दर्ज किया था। जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि लोक सेवक रहते हुए संतोष पॉल और उनकी पत्नी ने अपनी ज्ञात आय से कई गुना अधिक संपत्ति अर्जित की।
गौरतलब है कि वर्ष 2022 में जब संतोष पॉल जबलपुर में आरटीओ के पद पर पदस्थ थे, उस दौरान ईओडब्ल्यूने उनके निवास पर छापेमारी की थी। उस छापे में बड़ी मात्रा में चल-अचल संपत्तियों के दस्तावेज सामने आए थे। जांच में यह भी पाया गया कि परिवहन विभाग में हेड क्लर्क के पद पर पदस्थ उनकी पत्नी रेखा पॉल भी इस अवैध संपत्ति अर्जन में आरोपी हैं, जिसके चलते उन्हें भी प्रकरण में सह-आरोपी बनाया गया था।
ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत कार्रवाई करते हुए बताया कि कुर्क की गई संपत्तियों में जबलपुर जिले में स्थित आवासीय मकान, प्लॉट, कृषि भूमि और कमर्शियल शॉप्स शामिल हैं, जिनकी कुल अनुमानित कीमत 3.38 करोड़ रुपये है। इस कार्रवाई के बाद परिवहन विभाग और प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया है। माना जा रहा है कि मामले की आगे की जांच में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। ईडी की इस कार्रवाई को मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी और सख्त कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी