प्रगतिरत नल-जल योजनाओं का कार्य शीघ्र पूर्ण कर हर घर तक पहुंचाएं जलः कमिश्रनर
- संभागायुक्त ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यों की समीक्षा की
भोपाल, 9 सितंबर (हि.स.)। संभागायुक्त संजीव सिंह ने निर्देश दिए हैं कि भोपाल संभाग के सभी जिलों में प्रगतिरत नल-जल योजनाओं का कार्य शीघ्र पूर्ण किए जाकर हर घर तक जल पहुंचाया जाना सुनिश्चित किया जाए। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और मध्यप्रदेश जल निगम कार्यों को उच्च गुणवत्ता के साथ समय सीमा में पूर्ण करें। जिन नल-जल योजनाओं का कार्य पूर्ण हो गया है उन्हें पंचायतों को हस्तांतरित किया जाए। अप्रारंभ योजनाओं में आ रही कठिनाइयों को दूर कर उन्हें भी शीघ्र प्रारंभ कराया जाए।
संभागायुक्त संजीव सिंह ने यह निर्देश सोमवार को कमिश्नर कार्यालय के सभाकक्ष में सम्पन्न लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की संभागीय समीक्षा बैठक में दिए। बैठक में विभाग के अधीक्षण यंत्री एम.सी.अहिरवार, जल निगम के सीजीएम से संजय कुमार, पीके रघुवंशी सहित सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
संभागायुक्त ने जिलेवार योजना की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अंतर्गत भोपाल संभाग में इस वित्तीय वर्ष में अब तक संभाग के 6055 ग्रामों में 1196 एकल तथा 1133 समूह नल-जल योजनाओं को पूर्ण कर लिया गया है। इनमें भोपाल जिले में 155 एकल, सीहोर में 226 एकल एवं 200 समूह, रायसेन में 301 एकल तथा 203 समूह, राजगढ़ में 217 एकलएवं 647 समूह तथा विदिशा में 297 एकल एवं 83 समूह योजनाएं पूर्ण की गई हैं। पूर्ण समूह नल-जल योजनाओं में से 878 योजनाएं संबंधित पंचायतों को हस्तांतरित की जा चुकी हैं तथा 318 हस्तांतरण से शेष हैं।
संभागायुक्त ने इन सभी को पंचायतों को शीघ्र हस्तांतरित किए जाने के निर्देश दिए। भोपाल संभाग में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अंतर्गत वर्तमान में 1191 नल-जल योजनाएं प्रगतिरत हैं,जिनमें भोपाल जिले में 231, सीहोर में 105, रायसेन में 489, राजगढ़ में 115 और विदिशा में 251 नल-जल योजनाओं पर काम चल रहा है। कार्य तीव्र गति से पूर्ण किए जाने के संभागायुक्त ने निर्देश दिए। संभागायुक्त ने मध्यप्रदेश जल निगम अंतर्गत पूर्ण एवं प्रगतिरत समूह जल प्रदाय योजनाओं की भी विस्तार से समीक्षा की। निगम द्वारा पूर्ण की गई जल प्रदाय योजनाओं से संबंधित गांवों के हर घर में जल प्रदाय सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही नल-जल योजनाओं का समुचित रख-रखाव सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए गए। योजनाओं के माध्यम से हर व्यक्ति को निर्धारित मात्रा में(55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रति दिन) शुद्ध जल उपलब्ध होना चाहिए। जल शोधन संयंत्रों का भी उचित रख-रखाव किया जाए।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर