जबलपुरः कमिश्नर ने ज्ञानाश्रय कोचिंग में मिट्टी के विभिन्न संरचनाओं के बारे बताया

 


जबलपुर, 13 मई (हि.स.)। कमिश्नर अभय वर्मा ने सोमवार को मॉडल स्कूल में संचालित ज्ञानाश्रय कोचिंग में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को मार्गदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने भारत की मिट्टी के संबंध में जानकारी देते हुये कहा कि भारत में जलोढ़ मृदा 44 प्रतिशत है। जिसका प्रमुख कारण भारत में नदियों की संख्या अधिक होना है।

उन्होंने कहा कि इस कारण भारत में कृषि और अन्य वनस्पति के विकास के लिये सर्वाधिक ऊपजाऊ क्षेत्र है। इसके साथ ही उन्होंने मृदा के भौतिक और रासायनिक एवं जैविक गुणों पर चर्चा की। जिसके अंतर्गत मृदा की बनावट, मृदा संरचना, मृदा रंग, मृदा घनत्व, मृदा परिच्छेदिका, पोषक तत्वों की उपलब्धता, मृदा जल, मृदा घोल, मृदा लवणता, मृदा में पाये जाने वाले जैविक घटक, कार्बनिक पदार्थ, मृदा निर्माण की प्रक्रिया, मृदा के प्रकार में, जलोढ़ मृदा, काली मृदा, लाल-पिली मृदा, पर्वतीय मृदा, लवणीय मृदा, लैटेराइट मृदा, मरूस्थलीय मृदा, पीट एवं जैव मृदा, भाबर मृदा, तराई मृदा, बॉंगर मृदा, खादर मृदा, मृदा अवकर्षण, मृदा अपरदन, जल अपरदन, वायु अपरदन, हिमानी अपरदन, झूम कृषि भूस्खलन अपरदन, परत अपरदन, अवनालिका अपरदन, मृदा संरक्षण के उपाय, जिनमें मेड़बंदी, फसल चक्र, कृषि वानिकी, वृक्षारोपण, वर्मीकंपोस्ट, झूम खेती पर रोक, मृदा संरक्षण नियोजन के लिए बंजर भूमि को कृषि योग्य बनाना, राष्ट्रीय बंजर भूमि विकास बोर्ड, समेकित बंजर भूमि विकास कार्यक्रम, सूखाग्रस्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम ग्रीन इंडिया पर राष्ट्रीय मिशन आदि बिन्दुओं को विस्तार से बताया।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश