उज्जैनः कमिश्नर ने किया धन्वंतरि आयुर्वेद अस्पताल की विभिन्न इकाइयों का निरीक्षण
- कार्यकारिणी समिति की बैठक लेकर आवश्यक निर्देश दिये, कहा- अस्पताल की समस्त इकाइयों का कार्य सराहनीय
उज्जैन, 1 अगस्त (हि.स.)। संभागायुक्त संजय गुप्ता ने गुरुवार को चिमनगंज मंडी के समीप शासकीय स्वशासी धन्वंतरि आयुर्वेद चिकित्सालय की विभिन्न इकाइयों का निरीक्षण कर बताया कि अस्पताल का रख-रखाव बेहतर है और अस्पताल की समस्त इकाइयों का कार्य सराहनीय है। निरीक्षण के दौरान संभागायुक्त ने मरीजों एवं उनके परिजनों से पूछा कि आयुर्वेद के इलाज से संतुष्ट हैं, तो परिजनों एवं मरीजों ने अवगत कराया कि आयुर्वेद के इलाज से संतुष्ट होने के साथ ही रोगी का निदान हो रहा है।
संभागायुक्त ने प्रशंसा व्यक्त करते हुए आयुर्वेद चिकित्सकों एवं चिकित्साकर्मियों से कहा कि पूर्ण ईमानदारी एवं कर्त्तव्यनिष्ठा के साथ मरीजों की सेवा का कार्य किया जाये। निरीक्षण के बाद संभागायुक्त ने शासकीय स्वशासी धन्वंतरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के नवीन भवन के सभाकक्ष में कार्यकारिणी समिति की बैठक लेकर निर्देश दिये कि महाविद्यालय में टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण कर अच्छे मॉडल के सोलर पैनल लगाये जायें। भण्डार क्रय का नियमानुसार पालन करते हुए सामग्री का क्रय किया जाना सुनिश्चित करें। बैठक में विभिन्न कार्यों के लिये वित्तीय स्वीकृति संभागायुक्त द्वारा प्रदान की गई। सेवा के कार्य में किसी भी प्रकार की कटौत्री न कर मरीजों के इलाज में बेहतर सेवाएं देने का प्रयास किया जाये। सिंहस्थ को देखते हुए सिंहस्थ पूर्व जो-जो भी चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय के लिये आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाये।
बैठक में कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, नगर निगम आयुक्त आशीष पाठक, उपायुक्त राजस्व रंजीत कुमार, संस्था के प्राचार्य डॉ.जेपी चौरसिया तथा कार्यकारिणी समिति के सदस्य एवं विशेष आमंत्रित सदस्यगण उपस्थित थे।
संभागायुक्त गुप्ता ने चिमनगंज मंडी के समीप आयुर्वेद अस्पताल के मरीजों के पंजीयन कक्ष, आंख-कान-नाक-गला एवं शिशु रोग इकाई, दन्त इकाई, पैथालॉजी लेब, एक्स-रे डिजिटल, बायो केमेस्ट्री लेब, क्रियाकल्प इकाई, कुपोषण इकाई (स्वर्णप्राशन), औषधी वितरण इकाई, पंचकर्म, शल्य इकाई, अग्निकर्म एवं जलोका इकाई प्रसूति एवं स्त्रीरोग इकाई, फिजियोथैरेपी इकाई, धन्वंतरि पंचकर्म वेलनेस सेन्टर आदि इकाईयों का निरीक्षण कर आयुर्वेद इलाज की पद्धति एवं उपस्थित मरीजों से वार्तालाप कर किये जाने वाले इलाज के बारे में जानकारी प्राप्त की। निरीक्षण के दौरान उन्होंने आयुर्वेद अस्पताल के मेंटेनेंस अच्छा होने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उपस्थित चिकित्सकों एवं चिकित्साकर्मियों को निर्देश दिये कि आयुर्वेद इलाज की मशीनें बन्द न हो, इनका रख-रखाव व्यवस्थित ढंग से किया जाये, ताकि मरीजों का इलाज बेहतर हो सके।
उन्होंने निरीक्षण के उपरांत आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के नवीन भवन के सभाकक्ष में कार्यकारिणी समिति की बैठक लेकर विभिन्न प्रकार के प्रस्ताव कार्यों का अनुमोदन किया। संभागायुक्त ने निर्देश दिये कि आयुर्वेद का मतलब प्राकृतिक होने के कारण कम से कम एसी का प्रयोग होना चाहिये। महाविद्यालय में टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण कर अच्छे मॉडल के सोलर पैनल आवश्यकता अनुसार लगाये जायें। महाविद्यालय में होने वाले विभिन्न कार्यों के लिये एक कमेटी बनाई जाये, ताकि समय-समय पर कार्यों की कमेटी जांच करे। अच्छी क्वालिटी की सामग्री पारदर्शिता के साथ क्रय की जाये। महाविद्यालयीन परिसर में नवीन भवन के साईड में रिक्त स्थान पर विद्यार्थियों एवं अधिकारी-कर्मचारियों के वाहन सुरक्षा के लिये पार्किंग शेड का निर्माण इस प्रकार की डिजाईन से तैयार किया जाये, जिससे वाहन सुरक्षित हो। इस सम्बन्ध में पीआईयू को निर्देश दिये कि सिंहस्थ को देखते हुए सुन्दर एवं सनलाईट के डायरेक्शन का ध्यान रखते हुए पुन: प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
संभागायुक्त ने इस सम्बन्ध में पीआईयू के अधिकारी को निर्देश दिये कि शेड निर्माण के पूर्व डिजाईन तैयार कर उसका बेहतर निर्माण किया जाये। महाविद्यालय के प्रवेश द्वार से गुजरने वाली धार्मिक यात्रा पंचक्रोशी के श्रद्धालुओं के लिये दर्द निवारक औषधी, मालिश तेल आदि के व्यय के राशि की मांग पर संभागायुक्त गुप्ता ने निर्देश दिये कि पंचक्रोशी यात्रा पड़ाव एवं उप पड़ाव स्थलों पर आयुर्वेद काउंटर लगाये जायें और श्रद्धालुओं की सेवा का कार्य किया जाये। इसके लिये व्यापक प्रचार-प्रसार भी आयुर्वेद का किया जाये। महाविद्यालय के चिकित्सालय में आने वाले मधुमेह रोगियों की चिकित्सा हेतु अनुभूत चिकित्सा योग मधुमेहारी चूर्ण के निर्माण हेतु महाविद्यालय फार्मेसी में प्रतिवर्ष औषधी निर्माण मद में 50 हजार रुपये के प्रस्ताव का अनुमोदन पर चर्चा के दौरान निर्देश दिये कि विस्तार से प्रोजेक्ट तैयार करें, जिसमें रोगी संख्या के अनुसार औषधी की आवश्यकता के आधार पर औषधी निर्माण के लिये प्रस्ताव स्वीकृत किया गया। उक्त प्रक्रिया बन्द न होना चाहिये। वास्तविक फण्ड होना चाहिये, ताकि मधुमेह रोगियों का बेहतर इलाज हो सके। बैठक में नवनिर्मित वनौषधीय उद्यान में दुर्लभ प्रजाति के पौधों का रोपण करने हेतु आवश्यक पौधे क्रय करने के प्रस्ताव के अनुमोदन के साथ निर्देश दिये कि झालावाड़ पाटन, बैतूल जिला कलेक्टर से चर्चा कर अच्छी क्वालिटी के पौधे मंगाये जायें।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर / उम्मेद सिंह रावत