खरगोनः कुपोषण खत्म करने के लिए कलेक्टर ने उठाया जनसहयोग का बीड़ा
- कलेक्टर ने की महिला बाल विकास योजनाओं की समीक्षा
खरगोन, 5 दिसंबर (हि.स.)। कलेक्टर कर्मवीर शर्मा की अध्यक्षता में मंगलवार को महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी एवं आंगनवाड़ी पर्यवेक्षकों की बैठक हुई। इस बैठक में कलेक्टर द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की गई। बैठक में कलेक्टर द्वारा जिले से कुपोषण को दूर करने जनसहयोग लेने का अव्हान किया गया। बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी रत्ना शर्मा, सहायक संचालक मोनिका बघेल उपस्थित थी।
कलेक्टर शर्मा ने बैठक में बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं आंगनवाड़ी पर्यवेक्षकों को निर्देशित किया कि जिले से कुपोषण को खत्म करने के लिए मिशन मोड में कार्य प्रारंभ करें। इसके लिए आंगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज सेम श्रेणी के बच्चों की पहचान करने के निर्देश दिए गए और कहा गया कि आंगनवाड़ी पर्यवेक्षक घर-घर जाकर ऐसे चिन्हित बच्चों को उचित पोषण दिलाने के लिए जनसहयोग लेने का कार्य करेंगे। इस कार्य के लिए समाजसेवी एवं दानदाताओं का सहयोग लेने के निर्देश दिए गए। कुपोषित बच्चों को उपचार के लिए अस्पताल के पोषण पुनर्वास केन्द्र में अनिवार्य रूप से निर्धारित दिनों तक भर्ती रखने के निर्देश दिए गए और कहा गया कि पोषण पुनर्वास केन्द्रों के बेड शत प्रतिशत भरे रहना चाहिए।
बैठक में गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए आंगनवाड़ी पर्यवेक्षकों की सम्पूर्ण जिम्मेदारी तय की गई और कहा गया कि पर्यवेक्षक समस्त गंभीर कुपोषित बच्चों की प्रोफाईल तैयार करेगी। पर्यवेक्षक नियमित रूप से ग्रह भेंट कर कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य की समीक्षा करेंगी और जानकारी गूगल सीट पर अपडेट करेगी। गूगल सीट पर अपडेट जानकारी की जिला स्तर पर समीक्षा की जाएगी। मध्यम रूप से कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार की सम्पूर्ण जिम्मेदारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की तय की गई है। इसके साथ ही कुपोषित बच्चों के परिवारों को शासन की हितग्राहीमूलक योजनाओं से पात्रतानुसार लाभान्वित किए जाने के निर्देश दिए गए।
बैठक में लाड़ली लक्ष्मी योजना की समीक्षा के दौरान बताया गया कि चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में जिले में 8445 बालिकाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य दिया गया है इस लक्ष्य के विरूद्ध 4305 आवेदन प्राप्त हुए हैं और इनमें से 3967 आवेदन स्वीकृत हो गए हैं। कलेक्टर शर्मा ने इस योजना के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों की पोर्टल पर शीघ्र इन्ट्री करने और वार्षिक एवं अनुपातिक लक्ष्य को समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना की समीक्षा के दौरान बताया गया कि इस योजना में जिले में 6885 महिलाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 3878 महिलाओं को लाभान्वित किया गया है।
कलेक्टर ने प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना के अंतर्गत गर्भवती माता का समय पर पंजीयन करने और उन्हें योजना के मापदंड के अनुसार समय पर अनुदान की किश्तें दिलाना सुनिश्चित करें। इस योजना का मुख्य उद्देश्य मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है। अतः गर्भवती माता के पंजीयन, अनुदान की किश्त वितरण एवं प्रसव के उपरांत शिशु के सम्पूर्ण टीकाकरण की मॉनिटरिंग की जाए।
हिन्दुस्थान समाचार/ मुकेश