अति वर्षा व बाढ़ से उत्पन्न होने वाली हर परिस्थिति के लिए कलेक्टर रखें अग्रिम तैयारीः संभागायुक्त

 


इन्दौर, 17 मई (हि.स.)। आने वाले वर्षाकाल में अधिक वर्षा अथवा बाढ़ से उत्पन्न होने वाली परिस्थिति का सामना करने के लिए अपनी सभी तैयारी अग्रिम रूप से रखें। अपने ज़िले में आपदा प्रबंधन से संबंधित बैठक करें और विभिन्न विभागीय अधिकारियों के बीच दायित्वों का बँटवारा कर दें। जहां कहीं बड़े बाँध हैं, वहां गेट खोले जाने के पूर्व निचले इलाकों में नागरिकों को सूचना दिये जाने के लिए मुनादी और सूचना तंत्र को और अधिक प्रभावी बनाया जाए। बाढ़ की स्थिति में यदि लोगों को शिफ़्ट करना पड़े तो पहले से ही उनके लिए स्थान चयनित कर लें। भोजन, पेयजल, दवाइयों की व्यवस्था सुनिश्चित रखें।

यह निर्देश शुक्रवार को संभागायुक्त दीपक सिंह ने अति वर्षा व बाढ़ की परिस्थितियों से निपटने के संबंध में की जा रही तैयारियों के संदर्भ में संभाग के सभी जिला कलेक्टर्स को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ली गई बैठक में दिए। बैठक में संभाग के सभी जिला कलेक्टर्स, संभागीय मुख्यालय में नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अपर संचालक जयेंद्र विजयवत सहित स्वास्थ्य, सिंचाई एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। सभी ज़िलों के कलेक्टर और सीईओ जिला पंचायत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा बैठक में शामिल हुए।

बैठक में खंडवा कलेक्टर अनूप कुमार सिंह ने इंदिरा सागर और औंकारेश्वर बाँध से पानी छोड़े जाने की प्रक्रिया से अवगत कराया। धार कलेक्टर प्रियंक मिश्र ने सरदार सरोवर के बेक वॉटर वाले क्षेत्र के संबंध में परिस्थितियों से अवगत कराया। इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बैठक में कहा कि इंदौर ज़िले में बारिश के दौरान पर्यटन स्थलों पर ख़ास तौर पर नज़र रखी जाती है। वही नगरीय क्षेत्र में भी नगर निगम द्वारा आवश्यक तैयारी की जा रही है।

संभागायुक्त द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा

वहीं, संभागायुक्त दीपक सिंह ने शुक्रवार को महिला एवं बाल विकास की संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि पीड़ित महिला की सहायता के लिये शासन ने वन स्टॉप सेंटर बनाये है। वन स्टॉप सेंटर को और उपयोगी बनाया जाये। व्यापक जागरूकता और पुलिस की सहभागिता के लिये एक सेमीनार का आयोजन भी किया जाये। संभाग के ज़िलों में जहां कहीं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के अगले छह महीने में पद रिक्त होने वाले हैं, उनकी जानकारी 30 मई तक संकलित करें। बैठक में संयुक्त संचालक डॉ. संध्या व्यास सहित विभिन्न ज़िलों के जिला कार्यक्रम अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में संभागायुक्त ने समेकित बाल संरक्षण योजना के तहत संचालित बाल गृह, बालिका गृह एवं शिशु गृहों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग का कार्य मानव सेवा पर आधारित है। अधिकारी अधिक संवेदनशीलता से काम करें। उन्होंने खंडवा ज़िले में विशेष तौर पर खालवा क्षेत्र में कुपोषण के संबंध में संघनित रूप से कार्य करने के निर्देश दिए।

संभागायुक्त सिंह ने संप्रेक्षण गृह एवं सुधार गृह में रह रहे युवाओं को स्किल डेवलपमेंट की गतिविधियों से जोड़ने की आवश्यकता जतायी। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की समीक्षा के दौरान बताया गया कि इस योजना में बुरहानपुर जिला प्रदेश में प्रथम, बड़वानी तृतीय तथा इंदौर ज़िले का 17वाँ स्थान है। बैठक में बताया गया कि गत वित्तीय वर्ष में संभाग में 50 हजार 884 बालिकाओं को लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ मिला है। संभागायुक्त दीपक सिंह ने एनआरसी के बेहतर संचालन के निर्देश दिए और कहा कि यदि यहाँ पर किसी भी तरह की शिकायत मिलती है तो संबंधित ब्लॉक मेडिकल ऑफ़िसर और परियोजना अधिकारी ज़िम्मेदार रहेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/नेहा