भोपाल में एसआईआर कार्य अंतिम चरण में, 93.5 प्रतिशत काम पूरा; चार विधानसभा समय से पहले लक्ष्य पर

 




भोपाल, 7 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश में मतदाता सूची को अधिक पारदर्शी, सटीक और अद्यतन बनाने के लक्ष्य से चल रहे विशेष एकीकृत पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्य ने उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है। प्रदेश की राजधानी भोपाल में यह प्रक्रिया अब लगभग पूरी होने की कगार पर है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार, जिले में कुल कार्य का 93.5 प्रतिशत हिस्सा पूरा हो चुका है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सात में से चार विधानसभा क्षेत्रों ने निर्धारित समय से पहले ही अपना लक्ष्य हासिल कर लिया है, जो प्रशासनिक दक्षता और सामूहिक सहयोग का उत्कृष्ट उदाहरण है। अब तक 20 लाख से अधिक मतदाताओं के फॉर्मों का डिजिटाइजेशन सफलतापूर्वक हो चुका है। शेष कार्य को अधिकारी आने वाले 24 घंटे के भीतर पूरा करने का दावा कर रहे हैं। एसआईआर प्रक्रिया के बाद नौ दिसंबर के पश्चात ‘नो मैपिंग’ वोटर्स की पृथक रूप से जांच की जाएगी, ताकि ऐसे सभी मतदाताओं की स्थिति स्पष्ट की जा सके जिनकी लोकेशन या दस्तावेजों में कोई असंगति पाई गई है।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, मध्य प्रदेश संजीव कुमार झा ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को “सभी नागरिकों, सरकारी कर्मचारियों और राजनीतिक दलों के संयुक्त प्रयासों का परिणाम” बताया। उन्होंने आश्वस्त किया कि पूरे प्रदेश में इस अभियान के दौरान कार्य की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया गया है और निर्वाचन आयोग द्वारा जारी सभी मानकों और निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया गया है। झा ने कहा कि इस स्तर की प्रगति यह साबित करती है कि प्रशासनिक तंत्र और आम जनता दोनों ही लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के प्रति जिम्मेदार और संवेदनशील हैं।

निर्वाचन कार्यालय ने यह भी स्पष्ट किया कि जहां उत्कृष्ट कार्य हुआ है, उन टीमों को सम्मानित किया जाएगा। वहीं, यदि किसी क्षेत्र में बीएलओ या संबंधित कर्मचारियों द्वारा लापरवाही पाई गई, तो उनके विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। यह व्यवस्था आगे के चुनावी कार्यों में अनुशासन एवं गति बनाए रखने में सहायक होगी।

प्रदेश स्तर पर भी एसआईआर अभियान ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, 28 जिलों में 100 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है, जबकि 22 जिलों ने 99 प्रतिशत से अधिक लक्ष्य हासिल किया है। शेष 5 जिलों ने भी 90 प्रतिशत से अधिक कार्य संपन्न कर लिया है, जो इस राज्यव्यापी अभियान की व्यापक सफलता को दर्शाता है। अब तक 5 करोड़ 26 लाख से अधिक गणना पत्रकों का डिजिटाइजेशन पूर्ण किया जा चुका है, जो कुल निर्धारित कार्य का 99 प्रतिशत से अधिक है। यह आँकड़े न केवल तकनीकी क्षमता का प्रमाण हैं, बल्कि प्रशासन के प्रति जनविश्वास को भी मजबूत करते हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी