दतिया: रतनगढ़ माता मंदिर पर आज से प्रांरभ होगा चैत्र नवरात्र का मेला

 


सेंवढ़ा, 8 अप्रैल (हि.स.)। मंगलवार से चैत्र नवरात्र की शुरूआत हो रही है। इस दौरान रतनगढ़ माता मंदिर पर लगने वाले विशाल मेले के लिए प्रशासन ने तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। अगस्त 2021 के बाद यह पहला मौका होगा जब श्रद्धालुओं को लंबे फेरे से मुक्ति मिलेगी। पुल के चालू होने के बाद अब प्रशासन ने भगुवापुरा चरोखरा मार्ग से आवागमन सुगम बनाने के लिए सड़क दुरस्त करवा दी है। एसडीएम अशोक अवस्थी बीते 15 दिन से सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु रतनगढ़ पर ढेरा डाले हुए हैं। मेले में 10 दिन के अंदर 2 लाख सैलानियों के पहुंचने का अनुमान है।

बता दें कि प्रतिवर्ष नवरात्र के दौरान 300 किलोमीटर के क्षेत्र से लोग माता के जबारे चढ़ाने रतनगढ़ आते है। बता दें कि अगस्त 2021 में आई बाढ़ के बाद रतनगढ़ माता मंदिर का पुल ढह गया था। इसके बाद से ही मंदिर की ओर जाने वाला मुख्य मार्ग औपचारिक रूप से श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए बंद है। इस बीच पुल के दोनों ओर की एप्रोच रोड, पानी की टंकी, हेडपंप, लाइट आदि व्यवस्थाएं ठप्प हो गई।

बीते माह नवीन पुल का उद्घाटन होते ही प्रशासन ने इस मार्ग को दोबारा प्रांरभ कर दिया है। तीन वर्ष बाद अब लोग बगैर लंबा चक्कर लगाए सीधे रतनगढ़ माता मंदिर पहुंच सकते है। मंदिर में आने वाले दर्शनार्थियों के लिए इस बार बसई मलक पर ही पार्किंग रखी गई है। यहां तक दो पहिया एवं छोटे चार पहिया वाहन जा सकेंगे। बसई मलक पार्किंग से मंदिर के नीचे तक की दूरी केवल 2 किलोमीटर है, हालांकि जब बसई पार्किंग फुल हो जाएगी तो वाहन दूल्हा देव तक रोके जाएंगे और एसी स्थिती में लोगों को 5 किलोमीटर तक पैदल चलना होगा।

मेले में श्रद्धालुओं को सुविधाजनक दर्शन करवाने के लिए प्रशासन द्वारा युद्धस्तर पर कार्य किए गए। संभाग आयुक्त एवं पुलिस महानिरीक्षक द्वारा दो बार मेला क्षेत्र का दौरा कर जिम्मेदारी बांटी गई है। जिसके बाद है कलेक्टर संदीप माकिन के निर्देशन में 8 विभागों द्वारा मंदिर समिति के साथ बीते एक माह से लगातार कार्य किया जा रहा है। एसडीएम अशोक अवस्थी ने बताया कि मेले के दौरान 8 मजिस्ट्रेट, 15 खंड स्तरीय विभाग प्रमुख नोडल अधिकारी के तौर पर, 6 राजस्व निरीक्षक एवं 80 पटवारी के अलावा 400 पुलिस एवं प्रशासन के कर्मचारी ड्यूटी का निर्वहन करेंगे।

जटायुक्त नारियल पर प्रतिबंध

सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर परिसार में जटायुक्त नारियल, अगर बत्ती एवं धूपबत्ती ले जाने पर सख्ती से प्रतिबंध होगा। मंदिर में प्रसाद की दुकानों पर मिलावट रोकने के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा दुकानों से सेंपल का भरा जाना जारी है। सबसे अधिक भीड़ जबारे चढ़ाने के लिए होती है। इसलिए जबारे के लिए बने दोनों चबूतरों को दुरुस्त कर दिया गया है।

हिन्दुस्थान समाचार/संतोष/राजू/मुकेश