ग्वालियरः घर-घर पहुंचेगा वोट डालने का बुलौआ, मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिये जिले में बनी विशेष रणनीति
- जिला निर्वाचन अधिकारी ने बैठक लेकर दिए निर्देश प्रभावी ढंग से चलाएँ मतदाता जागरूकता गतिविधियाँ
ग्वालियर, 29 अप्रैल (हि.स.)। जिले में मतदाताओं को मतदान के प्रति जागरूक करने के लिए स्वीप (सुव्यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं निर्वाचक सहभागिता) के तहत विशेष रणनीति बनाई गई है। जिसमें वोट डालने के लिये घर-घर बुलौआ देने का प्रयास भी शामिल है। साथ ही अन्य प्रभावी मतदाता जागरूकता गतिविधियाँ भी जारी रहेंगी।
मतदान प्रतिशत बढ़ाने के उद्देश्य से बनाई गई रणनीति को मूर्तरूप देने के सिलसिले में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी रुचिका चौहान ने सोमवार को संबंधित अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने बैठक में निर्देश दिए कि मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के तहत हर घर तक यह संदेश भी अवश्य पहुँचाएँ कि वोट डालने के लिये मतदाता सूची में नाम और इपिक (मतदाता पहचान पत्र) अथवा भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित 12 वैकल्पिक दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज होना पर्याप्त है।
यहाँ कलेक्ट्रेट में आयोजित बैठक में नगर निगम आयुक्त हर्ष सिंह, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार, उप जिला निर्वाचन अधिकारी संजीव जैन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरके राजौरिया तथा जिले के सभी नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में तय किया गया कि खासतौर पर मतदान दिवस को प्रात:काल से दिनभर नगरीय निकायों में घर-घर कचरा लेने जाने वाले वाहनों के लाउड स्पीकर के माध्यम से वोट डालने का संदेशा पहुँचाया जायेगा। साथ ही सफाई मित्र, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका, आशा कार्यकर्ता व आशा सहयोगिनी सहित नगरीय निकायों के अन्य कर्मचारी उन क्षेत्रों में विशेष फोकस कर घर-घर दस्तक देकर लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करेंगे, जहाँ के मतदान केन्द्रों पर मतदान प्रतिशत अपेक्षाकृत कम नजर आयेगा। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिये हर ग्राम में विभिन्न विभागों के मैदानी कर्मचारियों को शामिल कर टीम गठित की गई है, जो मतदान दिवस व उससे पहले घर-घर दस्तक देकर लोगों को मतदान के लिये प्रेरित करेगी।
मतदान में अधिकाधिक मतदाताओं की भागीदारी के उद्देश्य से जिले में बनाई गई रणनीति को मूर्तरूप देने में प्रबुद्धजनों, विभिन्न व्यापारिक संगठनों, सेवाभावी नागरिकों व स्वयंसेवी संस्थाओं इत्यादि का भी सहयोग लिया जायेगा। साथ ही शहर के विधानसभा क्षेत्रों की उन कॉलोनियों व बस्तियों में विशेष फोकस कर मतदाता जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे, जहाँ पिछले लोकसभा व अन्य चुनावों में मतदान का प्रतिशत अपेक्षाकृत कम रहा है।
वोट डालने के लिए ये हैं वैकल्पिक दस्तावेज
वैकल्पिक दस्तावेजों में आधार कार्ड, पेन कार्ड, दिव्यांग यूनिक आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, मनरेगा जॉब कार्ड, पेंशन दस्तावेज (फोटो सहित), पासपोर्ट, पासबुक (फोटो सहित बैंक/डाकघर द्वारा जारी), फोटोयुक्त सर्विस पहचान पत्र (केन्द्र/राज्य सरकार/सार्वजनिक उपक्रम/पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा जारी), सांसद, विधायक और विधान परिषद सदस्यों को जारी आधिकारिक पहचान पत्र, एनपीआर के अंतर्गत आरजीआई द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड, स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड (श्रम मंत्रालय की योजना के अंतर्गत जारी) शामिल हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/मयंक