शासन के सभी अंग सुशासन का प्रतीक बनें: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

 






- मुख्यमंत्री ने केन-बेतवा एवं पार्वती-कालीसिंध-चंबल जल कलश यात्रा का किया शुभारंभ

- 24 पुलिस कर्मियों को स्टार लगाकर किया आउट ऑफ टर्न पदोन्नत

- एक हजार नवनियुक्त अभ्यर्थियों को प्रदान किए नियुक्ति पत्र

भोपाल, 11 मार्च (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि शासन के सभी अंग सुशासन का प्रतीक बनें। चल संपत्ति के क्रय-विक्रय में रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण की व्यवस्था और मकानों के नक्शे पास करने की प्रक्रिया के सरलीकरण जैसे कदम जनता की सुविधा के लिए उठाए गए हैं। देश की रक्षा में लगे सैनिकों और कानून व्यवस्था बनाए रखने को समर्पित पुलिस जवानों के जीवन की चिंता करना राज्य सरकार का कर्तव्य है। राज्य सरकार हर कदम पर उनके साथ है। शासकीय सेवा में नवनियुक्त अभ्यर्थियों से बहुत अपेक्षाएं हैं। प्रदेश में बढ़ रही सिंचाई सुविधाएं और पेयजल आपूर्ति से बुंदेलखंड और चंबल क्षेत्र के लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव सोमवार को कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एक हजार नवनियुक्त अभ्यर्थियों के नियुक्ति पत्र वितरण, केन-बेतवा और पार्वती काली सिंध चंबल परियोजना, जल कलश यात्रा के शुभारंभ तथा पुलिस कर्मियों को आउट आफ टर्न प्रमोशन के लिए आयोजित यह कार्यक्रम त्रिवेणी के समान है और तीनों का लक्ष्य जन कल्याण तथा प्रदेश का विकास है। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला,जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा, सांसद वीडी शर्मा, अपर मुख्य सचिव जल संसाधन डॉ. राजेश राजौरा उपस्थित थे।

17 जिलों के 3600 ग्रामों में जाएंगे प्रचार-रथ

मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्जवलित कर तथा मां नर्मदा के जल को कलश में प्रवाहित कर केन-बेतवा एवं पार्वती-कालीसिंध-चंबल जल कलश यात्रा का शुभारंभ किया। उन्होंने जल कलश यात्रा के पांच रथों को झंडी दिखाकर कुशाभाऊ ठाकरे सभागार परिसर से रवाना किया। यात्रा के अंतर्गत एक सौ एलईडी प्रचार रथ, केन बेतवा पार्वती काली सिंध चंबल परियोजना के लाभान्वित 17 जिलों के लगभग 3600 ग्रामों में प्रचार-प्रसार के लिए भेजे जा रहे हैं। कार्यक्रम में परियोजना के लाभ एवं जल के महत्व पर केंद्रित फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। मुख्यमंत्री ने वीरता और शौर्य का परिचय देने वाले 24 पुलिस कर्मियों को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन प्रदान करते हुए उन्हें पदोन्नत पद के स्टार लगाए। उन्होंने एक हजार नव नियुक्त अभ्यर्थियों को सिंगल क्लिक के माध्यम से वर्चुअली नियुक्ति पत्र वितरित किए तथा प्रतीक स्वरूप नौ अभ्यर्थियों को मंच से नियुक्ति पत्र प्रदान किए।

केन-बेतवा एवं पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना से बुंदेलखंड-चंबल का जीवन बदलेगा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बदलते दौर के भारत की नई तस्वीर हमारे सामने है। कोविड काल में प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों की रक्षा के साथ-साथ 100 से अधिक देशों को कोविड वैक्सीन उपलब्ध कराकर अपनी दूरदर्शिता और कार्यक्षमता का परिचय सम्पूर्ण विश्व को कराया। देश में उनके नेतृत्व में हो रहे नवाचार और नई तकनीक के उपयोग से जनसामान्य का जीवन आसान हुआ है। प्रदेश का बुंदेलखंड और चंबल क्षेत्र जल की कमी के कारण पिछड़ा था। वीरता, पराक्रम और शौर्य के दम पर बुंदेलखंड ने भारतीयता का मस्तक कभी झुकने नहीं दिया, विपरीत परिस्थितियों में भी बुंदेलखंडवासी संघर्ष में रहे और शत्रुओं को धूल चटाई। केन-बेतवा लिंक परियोजना से बुंदेलखंड क्षेत्र में सिंचाई सुविधा बढ़ेगी और क्षेत्र के लोगों का जीवन सरल एवं आनंदमयी बनेगा। हमारे लिए नदियां जीवनदायिनी हैं। माँ नर्मदा ने प्रदेश के एक भाग को खुशहाल बनाया है। अब केन-बेतवा एवं पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना बुंदेलखंड और चंबल का जीवन बदलेगी।

मप्र के विकास और प्रगति का संकल्प है जल कलश यात्रा: सिलावट

जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि केन-बेतवा लिंक परियोजना तथा पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना जल कलश यात्रा प्रदेश के विकास और प्रगति का संकल्प है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई द्वारा लिया गया नदियों को जोड़ने का संकल्प मप्र में पूरा हो रहा है। प्रदेश में सिंचाई के क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। वर्ष 2003-04 में यहां सिंचाई का रकबा मात्र सात लाख हेक्टेयर था, जो आज बढ़कर लगभग 47 लाख हेक्टेयर हो गया है। वर्ष 2025 तक इसे बढ़ा कर 65 लाख हेक्टेयर तथा वर्ष 2047 तक एक करोड़ 55 लाख हेक्टेयर करना हमारा लक्ष्य है।

उन्होंने कहा कि केन-बेतवा राष्ट्रीय परियोजना बुंदेलखंड की तस्वीर और तकदीर बदल देगी। इस परियोजना से 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी तथा बुंदेलखंड के 41 लाख लोगों को पेयजल मिलेगा। परियोजना से बुंदेलखंड में 103 मेगावाट बिजली पैदा होगी। इससे प्रदेश के 10 जिलों के लगभग 2 हजार गांव के 7 लाख 13 हजार किसान परिवारों को लाभ मिलेगा। चंबल-कालीसिंध-पार्वती सिंचाई परियोजना विकास और प्रगति के नए द्वार खोलेगी। बहत्तर हजार करोड़ रुपये लागत की इस परियोजना से मध्य प्रदेश एवं राजस्थान के 06 लाख 17 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी, जिसमें मध्य प्रदेश के 03 लाख 37 हजार हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। कार्यक्रम में सांसद वीडी शर्मा और पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना ने भी संबोधित किया।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश