जबलपुर : हनुमानताल थाना फिर विवादों में, अधिवक्ता के खिलाफ फर्जी एफआईआर का आरोप

 


जबलपुर, 30 दिसंबर (हि.स.)। विगत दिनों अवैध शराब बिक्री को संरक्षण देने के आरोपों में घिरा हनुमानताल थाना अब एक नए और गंभीर विवाद में फंसता नजर आ रहा है। मंगलवार को थाने पर एक अधिवक्ता के खिलाफ फर्जी एफआईआर दर्ज करने के आरोप लगे हैं, जिससे पुलिस की कार्यशैली पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं।

जानकारी के अनुसार मामला उस समय सामने आया जब एक अधिवक्ता अपने ऊपर हुए हमले की शिकायत दर्ज कराने हनुमानताल थाने पहुंचा था। अधिवक्ता का आरोप है कि वह जब थाने में बैठकर अपनी एफआईआर लिखवा रहा था, उसी दौरान पुलिस ने कथित रूप से सेटअप करते हुए दूसरे पक्ष की ओर से काउंटर एफआईआर दर्ज कर ली। अधिवक्ता का कहना है कि यह पूरी कार्रवाई साजिश के तहत की गई और उसे जानबूझकर फंसाने का प्रयास किया गया।

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पीड़ित अधिवक्ता ने अधिवक्ता संगठन के अध्यक्ष मनीष मिश्रा को पत्र लिखकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी है। पत्र में अधिवक्ता ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।

अधिवक्ता संगठन के अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने पुलिस अधीक्षक सहित हनुमानताल थाना प्रभारी से बातचीत की है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि यह साबित होता है कि थाना प्रभारी के संरक्षण में किसी अधिवक्ता के खिलाफ फर्जी कार्यवाही की गई है, तो अधिवक्ता संघ चुप नहीं बैठेगा और उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगा। उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं के सम्मान और न्याय के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।

गौरतलब है कि हनुमानताल थाना अपनी कार्यशैली को लेकर पूर्व में भी कई बार विवादों में रह चुका है। चाहे अधिवक्ता हों या पत्रकार, कार्रवाई को लेकर अनेक बार तनावपूर्ण स्थिति बन चुकी है। इससे पहले भी विभिन्न संगठनों द्वारा पुलिस अधीक्षक को थाने की कार्यप्रणाली को लेकर शिकायतें सौंपी जा चुकी हैं, लेकिन इसके बावजूद हालात में कोई विशेष सुधार नजर नहीं आ रहा है।

उल्‍लेखनीय है कि लगातार सामने आ रहे आरोपों से न केवल हनुमानताल थाना, बल्कि पुलिस प्रशासन की छवि पर भी प्रश्नचिन्ह लग रहा है। अब देखना यह होगा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी इस मामले में क्या कदम उठाते हैं ।

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हिन्दुस्थान समाचार / विलोक पाठक