अशोकनगर: मानव भ्रूण के खुलासे पर नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपित को 20 साल की सजा
अशोकनगर,27 मई(हि.स.)। तीन वर्ष पहले मिले एक मानव भ्रूण के खुलासे पर नाबालिग बालिका से दुष्कर्म के मामले में विशेष न्यायाधीश प्रकाश केरकेट्टा की अदालत ने आरोपित को बीस साल के सश्रम कारावास और 12500 रुपये अर्थ दण्ड से दण्डित करने की सजा सुनाई है।
एडीपीओ यशपाल सिंह ने सोमवार को बताया कि 8 जून 2021 को फरियादी ने रिपोर्ट कराई थी कि उसे एक मानव भ्रूण आयु करीब 3-4 माह होगी, पड़ा हुआ दिखाई दिया था। उक्त सूचना पर मानव भ्रूण की जांच की गई, जांच के आधार पर पता चला कि अज्ञात महिला द्वारा बच्चे के जन्म को छपाने के लिए फेंका गया था। पुलिस द्वारा अज्ञात आरोपित महिला के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया गया था।
जांच के दौरान पाया गया कि नाबालिग के साथ आरोपित बलवीर के द्वारा दुष्कर्म किया गया था। जिसके परिणाम स्वरूप नाबालिग गर्भवती हो गई थी। तथा भ्रूण का जैविक पिता आरोपित बलवीर था। जांच उपरांत आरोपित के विरुद्ध प्रकरण अदालत में भेजा गया, उक्त प्रकरण में आरोपित बलवीर को सजा सुनाई गई।
हिन्दुस्थान समाचार/ देवेन्द्र ताम्रकार/मुकेश