अभ्युदय मंदसौर : औद्योगिक विस्तार को नई गति, 180 करोड़ का निवेश और 850 रोजगार

 


मंदसौर, 25 दिसंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के दूरदर्शी, उद्योग-मैत्री और रोजगार-केंद्रित विजन के तहत मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है। राज्य सरकार की नई औद्योगिक नीतियां, निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण, सिंगल विंडो सिस्टम और मजबूत आधारभूत संरचना का सकारात्मक प्रभाव अब मंदसौर जिले में भी स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है। मंदसौर जिला “अभ्युदय मंदसौर” के संकल्प के साथ औद्योगिक और आर्थिक विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

मंदसौर जिले में वर्तमान में पांच औद्योगिक क्षेत्र विकसित हैं, जिनमें जगाखेड़ी एफपीपी, आईआईडीसी, फेज-2, बसई एवं सेमलीकांकड़ शामिल हैं। इन औद्योगिक क्षेत्रों में स्थापित एवं संचालित इकाइयों के माध्यम से अब तक 180 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ है, जिससे 850 से अधिक रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं। यह निवेश जिले के युवाओं और स्थानीय श्रमिकों के लिए रोजगार के नए द्वार खोल रहा है। पिछले दो वर्षों में मंदसौर जिले में 20 नवीन औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की गई है, जिससे जिले की औद्योगिक गतिविधियों को नई गति मिली है।

लोकार्पण एवं निवेश प्रस्तावों से बढ़ा भरोसाजिले में औद्योगिक विकास की निरंतरता को दर्शाते हुए वर्तमान में 2 औद्योगिक इकाइयों के लोकार्पण व भूमिपूजन प्रस्तावित हैं। इन प्रस्तावों के माध्यम से 230.32 करोड़ रुपये का निवेश और 122 रोजगार सृजित होने की संभावना है। यह निवेशकों के बढ़ते विश्वास और जिले के अनुकूल औद्योगिक वातावरण का प्रत्यक्ष प्रमाण है।

निवेश सुगमता से बदली औद्योगिक तस्वीरमुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर उज्जैन को एमपीआईडीसी का क्षेत्रीय (रीजनल) कार्यालय बनाए जाने तथा प्रदेश के प्रत्येक जिले में निवेश प्रोत्साहन केंद्र स्थापित किए जाने से औद्योगिक विकास को नई गति मिली है। इन व्यवस्थाओं के चलते निवेशकों को अब भूमि आवंटन, परियोजना स्वीकृति, विभिन्न विभागों से अनुमति, नीति संबंधी मार्गदर्शन एवं समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए एक ही मंच पर सुविधाएं उपलब्ध हो रही हैं। इससे निवेश प्रस्तावों के क्रियान्वयन की प्रक्रिया तेज हुई है और उद्योग स्थापना में लगने वाला समय उल्लेखनीय रूप से कम हुआ है।

जिला स्तर पर निवेश प्रोत्साहन केंद्रों के माध्यम से स्थानीय उद्यमियों, एमएसएमई इकाइयों और नए निवेशकों को सीधा मार्गदर्शन मिल रहा है, वहीं उज्जैन स्थित एमपीआईडीसी क्षेत्रीय कार्यालय से पूरे संभाग में औद्योगिक परियोजनाओं की प्रभावी मॉनिटरिंग संभव हो पाई है। इसका प्रत्यक्ष परिणाम जिले-जिले में बढ़ते निवेश, उद्योगों की संख्या में वृद्धि और रोजगार के नए अवसरों के रूप में सामने आ रहा है।

मंदसौर जिले की प्रमुख औद्योगिक इकाईयां

एम/एस हरिओम रिफाइनरी – सोया रिफाइनरी उद्योग, कुल निवेश ₹132.82 करोड़, जिससे लगभग 100 लोगों को रोजगार मिलेगा।

एम/एस सफल फूड्स – दाल मिल एवं रिफाइंड ऑयल निर्माण इकाई, कुल निवेश ₹158.26 करोड़, जिससे करीब 300 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।

एम/एस अमय मोबिलिटी एलएलपी – सीबीजी प्लांट एवं अनाज प्रोसेसिंग उद्योग, कुल निवेश ₹171 करोड़, जिससे लगभग 122 लोगों को रोजगार सृजित होगा।

आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की दिशा में अग्रसर मंदसौर

एमपीआईडीसी के कार्यकारी निदेशक राजेश राठौड़ ने गुरुवार को बताया कि औद्योगिक क्षेत्रों के विस्तार, नए निवेश और रोजगार सृजन के माध्यम से मंदसौर जिला मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के संकल्प को मजबूती प्रदान कर रहा है। आने वाले समय में जिले में और अधिक औद्योगिक निवेश से आर्थिक समृद्धि और रोजगार के अवसरों में और वृद्धि होने की उम्मीद है।

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हिन्दुस्थान समाचार / अशोक झलोया