अनूपपुर: अमरकंटक ताप विद्धुत गृह की इकाई 61 दिन से बंद, रोज 50 लाख यूनिट बिजली का नुकसान

 


अनूपपुर, 20 अक्टूबर (हि.स.)।जिले की चचाई की अमरकंटक ताप विद्धुत गृह की 210 मेगावाट की इकाई वार्षिक रखरखाव के नाम पर 61 दिनों से बंद है। दो माह से ज्यादा समय से इकाई बंद रहने की वजह से अब सवाल खड़े होने लगे हैं। वजह यह है कि मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी की अमरकंटक ताप गृह की यह इकाई सबसे बेहतर बिजली उत्पादन कर रही थी। मौजूद वर्ष 2022-23 में बंद होने से पहले तक बिजली उत्पादन 92.95 प्रतिशत रहा। अब इकाई से बिजली नहीं बनने से प्रदेश को हर दिन 50 लाख यूनिट बिजली यानी तकरीबन दो करोड़ रुपये की बिजली का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी के पूर्व अतिरिक्त मुख्य अभियंता राजेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि कंपनी के अदूरदर्शी निर्णयों से विभाग को हर दिन 2 करोड़ रुपये की बिजली का नुकसान हो रहा है। रबी सीजन के पहले इकाई का रखरखाव कराया जाना था वह भी 30 दिन की निश्चित समय सीमा के अंदर।

210 मेगावाट की इकाई से 16 अगस्त 2022 तक बिजली उत्पादन 92.95 प्रतिशत तक रहा है। 17 अगस्त को यह इकाई वार्षिक रखरखाव के नाम पर बंद की गई। हैरानी की बात है कि दो माह से ज्यादा वक्त गुजरने के बाद भी यह इकाई अभी तक चालू नहीं हो पाई है, जबकि सामान्य रूप से वार्षिक रखरखाव में 30 दिन अधिकतम समय लगता है। बताया जाता है कि इकाई के जनरेटर की बाइंडिंग में तकनीकी खराबी आई हुई है, जिसे जाहिर नहीं किया जा रहा है। सवाल ये है कि शानदार बिजली उत्पादन करने वाली इस इकाई में एकाएक खराबी किस वजह से आई इस सवाल का जवाब फिलहाल अफसरों के पास नहीं है।

चचाई की अमरकंटक थर्मल पावर प्लांट की 210 मेगावाट की इकाई फिलहाल वार्षिक रखरखाव के नाम पर 61 दिनों से बंद है। दो माह से ज्यादा समय से इकाई बंद रहने की वजह से अब सवाल खड़े होने लगे हैं।

चचाई की अमरकंटक थर्मल पावर प्लांट की 210 मेगावाट की इकाई फिलहाल वार्षिक रखरखाव के नाम पर 61 दिनों से बंद है। दो माह से ज्यादा समय से इकाई बंद रहने की वजह से अब सवाल खड़े होने लगे हैं। वजह यह है कि मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी की अमरकंटक ताप गृह की यह इकाई सबसे बेहतर बिजली उत्पादन कर रही थी। मौजूद वर्ष 2022-23 में बंद होने से पहले तक बिजली उत्पादन 92.95 प्रतिशत रहा। अब इकाई से बिजली नहीं बनने से प्रदेश को हर दिन 50 लाख यूनिट बिजली यानी तकरीबन दो करोड़ रुपये की बिजली का नुकसान उठाना पड़ रहा है। मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी के पूर्व अतिरिक्त मुख्य अभियंता राजेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि कंपनी के अदूरदर्शी निर्णयों से विभाग को हर दिन 2 करोड़ रुपये की बिजली का नुकसान हो रहा है। रबी सीजन के पहले इकाई का रखरखाव कराया जाना था वह भी 30 दिन की निश्चित समय सीमा के अंदर।

अमरकंटक पावर प्लांट के करीब ही खदाने हैं, जहां से कोयला मिलता है इस वजह से बिजली उत्पादन लागत भी अन्य पावर प्लांट की तुलना में कम है। बता दे कि अमरकंटक पावर प्लांट से करीब 2.70 रुपये प्रति यूनिट लागत आती है जबकि नवीनतम श्रीसिंगाजी पावर प्लांट में बिजली का उत्पादन लागत दोगुनी के आसपास है। अमरकंटक पावर प्लांट से हर दिन 50 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा था।

हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला