मप्रः गृह ऋण घोटाले के मामले में पूर्व विधायक अंतरसिंह दरबार समेत 10 लोगों को एक-एक साल की सजा
भोपाल, 24 दिसंबर (हि.स.)। पूर्व कांग्रेस विधायक अंतर सिंह दरबार को भ्रष्टाचार के मामले में एक साल की सजा सुनाई गई है। दो अलग-अलग मामलों में कुल 3000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। इंदौर प्रीमियम को-आपरेटिव बैंक में गृह ऋण घोटाले के मामले में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने दरबार समेत 10 लोगों को सजा सुनाई है। जुर्माना नहीं भरने पर सजा तीन महीने और बढ़ जाएगी। दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी।
मामला वर्ष 2000 में लोकायुक्त ने मामला दर्ज किया था। मामला इंदौर प्रीमियर को-ऑपरेटिव बैंक के हाउस लोन घोटाले से जुड़ा है। 23 साल चली सुनवाई के बाद शनिवार को न्यायाधीश मुकेश नाथ ने फैसला सुनाया। आदेश की प्रति रविवार को सामने आई। पूर्व विधायक दरबार के साथ-साथ ओमप्रकाश जोशी, नकवंती पटेल, निर्मला पटेल, जगदीश शर्मा, गुलाम मुर्तजा खान, देवीलाल सूर्यवंशी, अहिल्याबाई गहलोत, देवराज सिंह परिहार, सैय्यद वासिक अली को धारा 120 बी में एक-एक साल की कैद और एक-एक हजार रुपये का अर्थदंड, जबकि धारा 13 (1) डी व 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण एक्ट 1988 में एक-एक साल की कैद और दो-दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। अर्थदंड नहीं भरने पर सजा तीन माह और बढ़ जाएगी। दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी।
कांग्रेस नेता अंतर सिंह दरबार महू विधानसभा सीट से पांच बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। साल 1998 और 2003 में चुनाव जीते थे। 2008 और 2013 में कैलाश विजयवर्गीय से हार गए थे। 2018 में भाजपा की उषा ठाकुर ने उन्हें हराया था। 2023 के विधानसभा चुनाव में दरबार को कांग्रेस से टिकट नहीं मिला तो वे निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे। हार गए। बीजेपी की उषा ठाकुर ने लगातार दूसरी बार उन्हें हराया है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश