लोहरदगा में दुर्गा पूजा के मद्देनजर प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक
लोहरदगा, 1 अक्टूबर (हि.स.)। दुर्गा पूजा को लेकर आज सभी दुर्गा पूजा समितियों के अध्यक्ष, सचिवों व स्वयंसेवकों के साथ आवश्यक बैठक का आयोजन नगर भवन, लोहरदगा में किया गया। बैठक में अपर समाहर्ता जीतेंद्र मुण्डा ने कहा कि बीते वर्षों की तरह ही इस वर्ष भी दुर्गा पूजा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। जिला प्रशासन की ओर से पूरी चौकसी इस दौरान रहेगी और लोगों की असुविधाओं को दूर किया जाएगा। जिला में लगभग प्रत्येक गांव में देवी मां की पूजा सदियों से होती रही है और लोग उसमें सम्मिलित होते रहे हैं।
अपर समाहर्ता ने कहा कि पूजा पण्डालों में तैनात स्वयंसेवक अपनी जिम्मेवारी तत्परता से कार्य करें। स्वयंसेवक निःस्वार्थ भावना से कार्य करते रहे हैं। उनकी तत्परता और सेवा की भावना से ही पूजा संपन्न हो पाती है। जिला में नियंत्रण कक्ष स्थापित है जो पूजा के दौरान भी सक्रिय रहेगा। पण्डालों में दण्डाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी भी अपनी ड्यूटी निभाएंगे और पूजा समितियों के संपर्क में रहेंगे। असामाजिक तत्वों की पहचान स्वयंसेवक करेंगे। प्रशासनिक शिथिलता कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पूजा के दौरान विघ्न डालने वालों को नहीं बख्शा जाएगा। पूजा पण्डालों में आग लगने या शॉर्ट सर्किट की घटना से बचाव के लिए आवश्यक उपकरण अवश्य रखें। बालू से भरी बाल्टी का उपयोग भी ऐसे समय में किया जा सकता है। बड़े पण्डालों का ऑडिट भी कराया जाएगा।
डीएसपी मुख्यालय ने कहा कि पूजा पण्डालों में सभी समितियों श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग प्रवेश व निकास द्वार की व्यवस्था रखेंगे। महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग पंक्तियां होंगी। भीड़-भाड़ वाले स्थान के लिए सीसीटीवी अतिरिक्त लगवाना सुनिश्चित करेंगे। स्वयंसेवकों की व्यवस्था उचित संख्या में हो। अनुमण्डल पदाधिकारी अमित कुमार ने कहा कि पूजा के लिए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। डीजे संचालक 30 से 40 डेसीबल से अधिक ध्वनि में साउण्ड सिस्टम नहीं बजाएंगे। जो भी स्वयंसेवक होंगे उनकी एक ड्रेस सुनिश्चित करेंगे ताकि उनकी पहचान आसान हो। आग या शॉट सर्किट की घटना से बचाव के लिए समिति पूजा पण्डालों में पूरी व्यवस्था रखेंगे।
स्वयंसेवकों के महिला स्वयंसेवक भी हों ताकि महिलाओं की सहायता करने में आसानी हो। पूजा के दौरान युवाओं की कला व शैक्षणिकता अभिरूचि को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम भी आयोजित किये जाएं। कलश यात्रा और प्रतिमा विसर्जन के दिन जो निर्धारित रूट है उसका पालन किया जाए। इस दौरान डीजे में कोई भी भड़काऊ गाना नहीं बजाया जाय जिससे विधि-व्यवस्था व शांति बनाये रखने में किसी प्रकार की दिक्कत हो। रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक डीजे का प्रयोग नहीं किया जाय जिससे बच्चों, बीमार या वृद्ध को कोई समस्या हो।
बैठक में सभी कार्यपालक दण्डाधिकारी, सभी अंचल अधिकारी, नगर प्रशासक, सभी थाना प्रभारी और पूजा समितियों के अध्यक्ष, सचिव व स्वयंसेवक उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोपी कृष्ण कुँवर