आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से लाए सकारात्मक बदलाव : डीसी

 


पलामू, 16 नवंबर (हि.स.)। पायुक्त शशि रंजन ने कहा कि कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से देश दुनिया में तेजी से बदलाव आ रहे हैं। यह समय की जरूरत भी है। सामाजिक सरोकारों के मद्देनजर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को स्वीकार करना सकारात्मक होगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से हम तेजी से आगे बढ़ सकते हैं और सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। गवर्नेंस पर भी इसका प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। उपायुक्त शशि रंजन गुरुवार को राष्ट्रीय प्रेस दिवस समारोह के अंतर्गत ‘कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के युग में मीडिया’ विषयक सेमिनार-सह-परिचर्चा कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।

उपायुक्त ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इतना सशक्त है कि आजकल हमलोग के मन की भावनाओं को भी समझने लगी है। उन्होंने कहा कि पलामू में एक एआई लैब के स्थापना करने की जरूरत महसूस की गई है, उसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से शिक्षा एवं गवर्नेंस को समाहित करने का प्रयास होगा। इसमें 50 बच्चों को नई-नई चीजों की सीख दी जाएगी।

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग पलामू प्रमंडल के उपनिदेशक आनंद ने संचालन करते हुए विषय प्रवेश कराया। उन्होंने कहा कि वर्तमान डिजिटल एवं तकनीकी युग में तथ्यपरक सूचनाओं के आदान-प्रदान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की महत्वपूर्ण भूमिका है। मीडिया में तकनीक का सकारात्मक उपयोग से बेहतर परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि खोजी पत्रकारिता में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मदद करेगा, लेकिन मानव मस्तिष्क की बातों को समझने में थोड़ा देर होगा।

वरिष्ठ पत्रकार गोकुल बसंत ने कहा कि प्रेस की गरिमा को बचाए रखने के लिए प्रेस काउंसिल आफ इंडिया की ओर से समय-समय पर मार्गदर्शन मिलता रहा है। वर्ष 2023 में प्रेस काउंसिल ने प्रेस दिवस के अवसर पर ‘कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के युग में मीडिया’ विषय पर ध्यान आकृष्ट कराया है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में तकनीकी बदलाव आए हैं। इससे तत्परता और तत्कालिकता दोनों आई है। पूर्व के जमाने में मीडिया के क्षेत्र में क्या तकनीक थी, यह सभी जानते हैं। उन्होंने पूर्व के समयकाल में समाचार संकलन, समाचार प्रेषण से लेकर प्रकाशन तक में उपलब्ध तकनीक के बारे में जानकारी देते हुए वर्तमान समय से इसकी तुलना की।

मौके पर पत्रकार सतीश मिश्रा सुमन, तौहिद रब्बानी ने भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों की निरंतरता बनी रहे। पत्रकार संजय पांडेय ने कहा कि पत्रकारिता दिन-प्रतिदिन बदलती जा रही है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से सभी मदद मिल रही है। सेमिनार-सह-परिचर्चा में वरिष्ठ पत्रकार गोकुल बसंत को सम्मानित किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप