करुणा के बिना मनुष्य का ज्ञान और तपस्या किसी काम का नहीं : अनामिका

 


महर्षि वाल्मीकि संपूर्ण हिन्दू समाज के लिए श्रद्धा के केंद्र हैं, विहिप ने मनाया वाल्मीकि जयंती

रामगढ़, 17 अक्टूबर (हि.स.)। विश्व हिंदू परिषद रामगढ़ जिला कार्यालय में गुरुवार को महाकाव्य रामायण के रचयिता आदिकवि महर्षि वाल्मीकि की जयंती मनाई गयी। विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने महर्षि वाल्मीकि की तस्वीर पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित किया। सभी ने महर्षि वाल्मीकि के बताए पथ पर चलने का संकल्प लिया।

बौद्धिक कर्ता विश्व हिन्दू परिषद के जिला मंत्री छोटू वर्मा ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि किसी एक जाति के नहीं, बल्कि संपूर्ण हिंदू समाज के लिए श्रद्धा के केंद्र हैं। विश्व हिंदू परिषद किसी धर्म या संप्रदाय के विरुद्ध नहीं है, परंतु संपूर्ण हिंदू समाज को संगठित करने के प्रति कृत संकल्पित है। विषमता इतनी विचित्र हो गई है कि हमने अपने संतों को, देवताओं को भी बांट लिया। वाल्मीकि जयंती केवल वाल्मीकि बस्ती में ही क्यों हो? भगवान वाल्मीकि ने रामायण तो पूरे हिन्दू समाज के लिए लिखी है। सारे पर्व, त्योहार पूरा हिंदू समाज मिलकर मनाएं।

दुर्गा वाहिनी जिला संयोजिका अनामिका श्रीवास्तव ने कहा कि भगवान राम को भगवान बनाने वाले, जनसामान्य से परिचित कराने वाले, उनकी कलाओं और दैवीय शक्तियों से हम सब को रूबरू कराने वाले महर्षि वाल्मीकि हम सबके लिए प्रेरणा स्रोत और हिंदू समाज के मुकुट हैं। उन्होंने कहा कि उनकी जयंती, प्रकाश उत्सव पर सभी हिंदू समाज को उनके दिखाए और बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लेना होगा। संगठन और समाज को एकता के सूत्र में बांधना होगा। करुणा को धर्म का एक पैर माना जाता है। इसके बिना मनुष्य का ज्ञान, तपस्या किसी काम की नहीं होता है। महर्षि वाल्मीकि के मुख से जो श्लोक प्रकट हुए, उनको भी नहीं पता था। इस कार्यक्रम मुख्य रूप से जिला उपाध्यक्ष रमा शर्मा, जिला मिलन केंद्र प्रमुख संतोष सिंह, दुर्गा वाहिनी जिला सह संयोजिका गीता मेहता,संजू प्रसाद, गीता कुमारी, संजना कुमारी, खुशी कुमारी सहित दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / अमितेश प्रकाश