ओलचिकी लिपि से संथाली भाषा की पढ़ाई शुरू करने के लिए सरकार वचनबद्ध : हेमंत

 


पूर्वी सिंहभूम, 29 दिसंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जनजातीय भाषा और संस्कृति को पहचान और सम्मान दिलाने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। उन्‍होंने कहा कि ओलचिकी लिपि से संथाली भाषा का पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए सरकार वचनबद्ध है। इस दिशा में आदिवासी समाज के साथ मिलकर प्रयास निरंतर जारी है। मुख्यमंत्री सोमवार को जमशेदपुर के करनडीह में आयोजित 22 वें संताली परसी महा एवं ओलचिकी लिपि के शताब्दी वर्ष के समापन समारोह में बतौर विश‍िष्‍ट अतिथ‍ि बोल रहे थे। उन्‍होंने कहा कि झारखंड प्रदेश में ओलचिकी लिपि से संथाली भाषा की पढ़ाई शुरू करने के लिए हमारी सरकार वचनबद्ध है। साथ ही जनजातीय भाषाओं के विकास और उसे सुरक्षित, संरक्षित और समृद्ध करने की दिशा में हम निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। आज संताली जैसी जनजातीय भाषाओं से आदिवासी समाज की आवाज बहुत दूर तक पहुंच रही है। हेमंत ने कहा कि संताली भाषा और साहित्य के विकास में साहित्यकारों और बुद्धिजीवियों को उनके योगदान के लिए सम्मानित कर गर्व की अनुभूति हो रही है।इधर, कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बतौर मुख्य अतिथि और राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार बतौर वि‍शि‍ष्ट अतिथि‍ के रूप में शामिल हुए।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के चलते देश में सशक्त हो रहा आदिवासी समाजमुख्‍यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के चलते देश में आदिवासी समाज सशक्त हो रहा है। उन्‍होंने कहा कि राष्ट्रपति भवन में भी होने वाले कई कार्यक्रमों में आदिवासी समाज और उसकी संस्कृति, परंपरा और पहचान को प्रमुखता के साथ पेश करने का प्रयास होता रहा है। ऐसे में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की पहल से जिस तरह आदिवासी समाज का मान-सम्मान बढ़ रहा है। इसके लिए राष्ट्रपति के प्रयासों की जितनी प्रशंसा की जाए, वह कम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संथाली भाषा और इसकी लिपि ओल-चिकी का आज अलग वजूद है, तो इसमें गुरु गोमके पंडित रघुनाथ मुर्मू का योगदान अविस्मरणीय है। आज से 100 वर्ष पूूर्व उन्होंने ओल चिकी के रूप में संथाली भाषा को एक अलग लिपि दी थी। ऐसे में जब तक ओल-चिकी लिपि और आदिवासी‑संताल समाज जीवित रहेगा, तब तक पंडित रघुनाथ मुर्मू अमर रहेंगे।

समारोह में लोकसभा सांसद और ऑल संताली राइटर्स एसोसिएशन के सलाहकार कालीपद सोरेन, ऑल इंडिया संताली राइटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष लक्ष्मण किस्कू, जाहेर थान कमिटी के अध्यक्ष सीआर मांझी सहित संताली समाज के प्रतिनिधि मौजूद थे।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे