परमाणु ऊर्जा और बीमा क्षेत्र में सरकार के फैसलों का माकपा ने किया विरोध
रांची, 13 दिसंबर (हि.स.)। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षेत्र में निजी और विदेशी कंपनियों के प्रवेश और बीमा क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देने के केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों का विरोध किया है। पार्टी ने इन निर्णयों को देश के रणनीतिक हितों, जनसुरक्षा और आर्थिक संप्रभुता के लिए घातक बताया है।
पार्टी के केंद्रीय कमिटी सदस्य प्रकाश विप्लव ने शनिवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि केंद्र सरकार संसद के मौजूदा सत्र में परमाणु ऊर्जा अधिनियम-1962 और परमाणु क्षति के लिए नागरिक दायित्व अधिनियम (सीएलएनडीए)-2010 में संशोधन करने जा रही है। इन प्रस्तावित संशोधनों का उद्देश्य निजी कंपनियों के साथ-साथ विदेशी तकनीक और उपकरण आपूर्तिकर्ताओं के लिए परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में प्रवेश का मार्ग प्रशस्त करना है।
उन्होंने कहा कि परमाणु ऊर्जा जैसा अत्यंत संवेदनशील और रणनीतिक महत्व का क्षेत्र निजी कंपनियों के हवाले करना देश के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है। प्रस्तावित संशोधनों के तहत निजी परमाणु कंपनियों को बिजली के टैरिफ स्वयं तय करने की खुली छूट दी जा रही है, जिससे आम उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा और सरकारी नियम कमजोर होगा।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak