बच्चे अपने को कमजोर और लाचार न समझें, डालसा करेगा मदद: मनोरंजन कुमार

 


खूंटी, 25 नवंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार नई दिल्ली और झालसा रांची के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार खूंटी द्वारा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डालसा अध्यक्ष सत्य प्रकाश के मार्गदर्शन में शनिवार को नेताजी सुभाष आवासीय विद्यालय बिरहू में संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर और सौ दिवसीय बच्चों के हित से संबंधित कार्यक्रम के तहत विशेष विधिक जागरुकता और सहायता शिविर लगाया गया।

विद्यालय में 160 बच्चे अध्ययन कर रहे हैं। इस विद्यालय में वैसे बच्चे पड़ते हैं, जिनके माता-पिता नहीं हैं या माता है लेकिन पिता नहीं या पिता है पर माता नहीं और सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े और असहाय हैं, उन बच्चों को यहां पढ़ाया जाता है। इस विद्यालय के बच्चे खेल, चित्रकला और अन्य गतिविधियों में भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।

छात्रों को संबोधित करते हुए डालसा के सचिव मनोरंजन कुमार ने कहा कि 26 नवंबर, 1949 को हम सभी भारतीयों ने अपने संविधान को स्वीकार एवं अंगीकृत किया था। इसलिए हम सब 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाते हैं। विद्यालय के बच्चों को संविधान के 11 मूल कर्तव्यों के बारे में उन्होंने विस्तृत जानकारी दी।

भारतीय संविधान के बारे में बच्चों को समझाते हुए डालसा सचिव ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना के एक-एक शब्द में हमारे देश के कर्तव्य को जोड़कर प्रस्तावना तैयार की गई है। हमें इन कर्तव्यों का ईमानदारी पूर्वक पालन करना चाहिए। डालसा बच्चों के अधिकार को जागरुकता शिविर के माध्यम से अंतिम घर तक पहुंचाने का प्रयास कर रहा है।

उन्होंने बच्चों के शिक्षा का अधिकार, बच्चों के संरक्षण और संवर्धन के बारे में कहा कि आप कभी अपने आपको कमजोर और लाचार ना समझें। आपको भविष्य के सपने बन्ना का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर आपका भविष्य निर्माण में पूरी मदद करेंगे। यह सब आपके आप सभी बच्चों का संवैधानिक अधिकार है, जिससे राज्य को अपना कर्तव्य समझकर पालन करना है।

कार्यक्रम में एलएडीसी की डिप्टी चीफ नम्रता कुमारी, विद्यालय की वार्डन, शिक्षक-शिक्षिकाएं, प्रशिक्षक के अलावा पीएलवी अंजू कच्छप, लक्ष्मी कुमारी, कुशल मुंडा, हलधर कुमार ठाकुर और बच्चे उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल/चंद्र प्रकाश