केंद्रीय आयोग के सामने रखी गई रिपोर्ट, कमेटी ढूंढने लगी रामगढ़ डीसी-एसपी का चेहरा

 




-डीसी एसपी के नहीं पहुंचने पर आयोग की सदस्य ने रद्द की बैठक

रामगढ़, 10 सितंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्य डॉक्टर आशा लकड़ा रामगढ़ जिले के दौरे पर पहुंची थी। मंगलवार को जहां एक तरफ मुख्यमंत्री जन समस्या समाधान कार्यक्रम को लांच कर रहे थे, वहीं आयोग की टीम भी जिले के विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी जुटाना में लगी थी। जिले के आला अधिकारियों ने दोनों कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए काफी मशक्कत की।

डीसी और एसपी छावनी परिषद मैदान में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। डीडीसी और अन्य वरीय अधिकारी जिले के तमाम विभागों की रिपोर्ट लिए आयोग के सामने मौजूद थे लेकिन डॉक्टर आशा लकड़ा डीसी और एसपी का चेहरा ढूंढ रही थी। काफी देर तक जब डीसी और एसपी वहां नहीं पहुंचे तो उन्होंने बैठक को रद्द करने का ही फैसला ले लिया। जब उन्होंने बैठक करने से इनकार किया तो जिले के अधिकारी सर्किट हाउस में ही उनके बुलावा का इंतजार करते रहे। काफी देर तक बैठने के बाद राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्या डॉक्टर आशा लकड़ा अपनी गाड़ी में बैठी और रांची की ओर निकल गई।

अधिकारियों ने फूलों से किया स्वागत, बदले में मिली फटकार

एक तरफ जहां आयोग की सदस्या डॉक्टर आशा लकड़ा का स्वागत फूलों से किया गया, वहीं बदले में अधिकारियों को फटकार ही मिली। कई अधिकारी सर्किट हाउस में जिले में हो रहे विकास कार्य और आदिवासियों को मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी देने के लिए पहुंचे थे लेकिन डॉक्टर आशा लकड़ा ने उन सभी मुद्दों को दरकिनार कर दिया। एक वरीय अधिकारी ने इस बात के लिए भी इशारा किया कि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, अनुसूचित जनजाति समाज के लोगों को ही तवज्जो देने में पीछे रह जाती है। दूसरे की बात क्या ही की जाए।

डीसी, एसपी और डीएफओ पर निकाली भड़ास

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्या डॉक्टर आशा लकड़ा ने अपनी पूरी भड़ास डीसी, एसपी और डीएफओ पर निकाली। उन्होंने कहा कि इन सभी को सम्मन किया जा रहा है। अब वे लोग अपना जवाब देंगे। उन्होंने जिले के अधिकारियों पर आदिवासियों की जमीन लूटने का भी आरोप लगाया। साथ ही कहा कि सरकार अनुसूचित जनजाति समाज को कई योजनाओं से लाभान्वित करना चाह रही है। लेकिन रामगढ़ जिले में वह सारी योजनाएं धरातल पर नहीं पहुंच रही। लाभुकों को इसका लाभ नहीं मिल रहा।

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हिन्दुस्थान समाचार / अमितेश प्रकाश