प्रिया के दोबारा तरहसी प्रमुख बनने पर निकला विजय जुलूस, पांकी विधायक हुए शामिल
पलामू, 22 नवंबर (हि.स.)। जिले के तरसही प्रखंड प्रमुख के पद पर दोबारा प्रिया कुमारी के विराजमान होने पर बुधवार को विजय जुलूस निकाला गया। इसमें बतौर मुख्य अतिथि पांकी के विधायक डा. शशिभूषण मेहता शामिल हुए। बैंड बाजे के साथ विजय जुलूस तरहसी के अंबेडकर चौक से प्रारंभ होकर बेदानी शहीद मंगल पांडे चौक होते हुए सुभाष चौक से आगे तक निकाला गया। सभी जगह फुलमाला पहनाकर प्रमुख, पांकी विधायक, प्रमुख पति एवं अन्य का स्वागत किया गया। इस क्रम में बम पटाखे भी फोड़े गए।
पैसे के बल पर पद से हटाने का मंसूबा विफल: पांकी विधायक
पांकी विधायक डा. शशिभूषण मेहता ने कहा कि रजक परिवार से आने वाली गरीब की बेटी जैसे ही प्रमुख पद पर बैठी उसे हटाने की साजिश रची जाने लगी। पैसे के बल पर हटाने का प्रयास किया गया। इसके पीछे पैसे वाले कांग्रेसी शामिल थे। लेकिन साजिश रचने वालों का मुंह काला हुआ है। पंसस के तत्कालीन पीठासीन पदाधिकारी सह सदर अनुमंडल पदाधिकारी राजेश साह को प्रभावित कर सारा खेल हुआ, लेकिन निर्वाचन आयोग ने पूरा न्याय दिया।
असत्य पर सत्य की हुई जीत: प्रिया
मौके पर प्रमुख प्रिया कुमारी ने कहा कि एक साजिश के तहत योजनाओं में मनमानी बरतने का आरोप लगाकर उसे पद से अपदस्त करने की साजिश रची गयी थी, लेकिन सभी के सहयोग से साजिश को बेनकाब किया गया। असत्य पर सत्य की जीत हुई। उनके खिलाफ लगाए गए तमाम आरोप बेबुनियाद थे और सारा खेल पैसे के कारण हुआ। बचा हुआ कार्यकाल बेहतर करने के लिए प्रयास रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि पांच वर्ष में कोई भी बच्चा सारा कुछ सीख नहीं जाता है। सीखने और समझने के लिए समय लगता है।
तरहसी प्रमुख प्रिया कुमारी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव से संबंधित प्रक्रिया चार महीने तक चली। इस दौरान जनहित के कार्य नहीं हो पाए। इसकी शुरुआत तीन जुलाई 2023 से हुई। 14 नवम्बर तक यह कार्रवाई चली। शुरुआत में उदयपुर वन की पंचायत समिति सदस्य शकुंतला देवी ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर आवेदन दिया था। इसके आलोक में 18 जुलाई को पहला प्रपत्र ख गठित कर परिचर्चा सह मतदान की तिथि निर्धारित की गई थी। पीठासीन पदाधिकारी ने इसे स्वीकृत करते हुए 25 जुलाई को परिचर्चा सह मतदान की तिथि निर्धारित की गई थी।
इस बीच प्रमुख प्रिया कुमारी द्वारा त्यागपत्र देने की बात कहने पर पुनः 11 जुलाई को आवेदन देकर 25 जुलाई तक अविश्वास प्रस्ताव पर रोक लगाने के लिए आवेदन दिया गया। जब प्रमुख द्वारा त्यागपत्र नहीं दिया गया तो पुनः 26 जुलाई को अविश्वास प्रस्ताव कानून लागू करने के लिए आवेदन दिया गया। पीठासीन पदाधिकारी ने बताया था कि 25 अगस्त को इस सिलसिले में निर्वाचन आयोग से मार्गदर्शन मांगा गया है। इसके बाद एक सितंबर को प्रपत्र क भाग एक के माध्यम से पीठासीन पदाधिकारी ने चार सितंबर को दूसरी तिथि निर्धारित कर परिचर्चा सह मतदान की तिथि 14 सितंबर को निर्धारित की थी।
हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप