नीलकंठ सिंह मुंडा ने किसानों को सुखाड़ राहत योजना के लाभ का भुगतान न होने का मामला उठाया
खूंटी, 29 फ़रवरी (हि.स.)। खूंटी के भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने एक बार फिर सदन में मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना के लाभ भुगतान न होने पर सरकार को घेरा। विधायक ने कहा कि राज्य के 45 लाख 45 हजार किसानों ने मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना के लिए आवेदन दिया था, लेकिन महज 13 लाख किसानों को ही इसका लाभ दिया गया। इस पर विभागीय मंत्री की ओर से बताया गया कि सुखाड़ राहत योजना ( खरीफ फसल मौसम 2022- 23) के तहत लगभग 33 लाख 63 हजार किसानों ने आवेदन दिया था, जिनमें 13.66 लाख लाभार्थियों को सुखाड़ राहत योजना का लाभ मिला। लाभार्थियों को 478.4 करोड़ राशि का भुगतान किया गया है। यह जानकारी खूंटी के विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा द्वारा विधानसभा में गुरुवार को अल्प सूचित प्रश्न के तहत पूछे गये सवाल के जवाब में विभागीय मंत्री ने दिया। विधायक ने पूछा कि क्या यह बात सही है कि राज्य को सुखाड़ क्षेत्र घोषित किया गया है और किसानों को मुख्यमंत्री राहत योजना के तहत मदद पहुंचाई गई है।
उन्होंने पूछा कि सहायता के लिए राज्य में 45 लाख 45 हजार से ज्यादा आवेदन आए हैं, लेकिन मात्र 13 लाख किसानों को ही सहायता प्रदान की गई है। इस पर मंत्री कृषि पशुपालन सहकारिता विभाग द्वारा बताया गया कि खरीफ फसल मौसम 2022-23 में राज्य के 22 जिलों के 226 प्रखंडों को गृह कार्य आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा सुखाड़ घोषित किया गया था। सुखाड़ घोषित सभी प्रखंडों में मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना का क्रियान्वयन किया गया था। शेष 38 प्रखंड में योजना का क्रियान्वयन किया गया है। सरकार की ओर से बताया गया कि इस योजना के तहत 33 लाख 63 हजार 201 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें 13.66 लाख लाभार्थियों को 478.4 करोड रुपये का भुगतान किया गया है
खूंटी जिले में 44 फीसदी बच्चे कुपोषित
झारखंड विधानसभा सत्र के दौरान विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने तारांकित प्रश्न के रूप में राज्य में जन्म लेने वाले 47.8 प्रतिशत बच्चों में कुपोषण के कारण होनेवाली दुर्बलता से संबंधित मामला सदन में उठाया। कुपोषित बच्चों में 40 फीसदी अनुसूचित जनजाति वर्ग के हैं। खूंटी में कुपोषण की स्थिति चिंताजनक है। सवाल के जवाब में महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के मंत्री ने बताया कि खूंटी जिले में 44 फीसदी बच्चे कुपोषण का शिकार हैं जो राज्य के छठवें पायदान पर आते हैं। बताया गया कि राज्य के 12 जिले में कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। 98 कुपोषण उपचार केंद्र से कुपोषित बच्चों का उपचार किया जा रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल