सरना धर्म का मूल उद्देश्य मानव कल्याण है: धर्मगुरु मधु बारला
खूंटी, 26 मई (हि.स.)। तोरपा के खजूरदाग मनमनी गांव में रविवार को सरना धर्म सोतोः समिति का 11वां शाखा स्थापना दिवस सह सरना धर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में केंदुआ मुंडा, जयपाल मुंडा एवं टेपइ कच्छप की अगुवाई में अनुयायियों के साथ सरना स्थल में भगवान सिङबोंगा की पूजा कर सुख, शांति और खुशहाली की कामना की गई।
इस अवसर पर धर्मगुरु मधु बारला मुंडा ने कहा कि सिङबोंगा की स्तुति से हमारी आत्मा में भक्ति व श्रद्धा बढ़ती है, साथ ही समाज में प्रेम व भाईचारा की भावना पनपती है। इससे लोभ, लालच व अहंकार जैसी बुराइयां दूर होती हैं और जीवन में सुख, शांति और खुशहाली आती है। उन्होंने कहा कि भगवान के सामने सब बराबर हैं, जिससे सबको समान कृपा मिलती है। इसके लिए हमें सदा धर्म के रास्ते पर चलना चाहिए। मानव कल्याण सरना धर्म का मूल उद्देश्य है। इनके अलावा मसीह गुड़िया, सीताराम मुंडा, मथुरा कंडीर, सुषमा मुंडा, लुथड़ू मुंडा, बिरसा तोपनो, सुभासिनी पूर्ति, किरण भेंगरा, जीतुू पाहन, भाजू मुंडा, रतिया मुंडा आदि ने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में तोरपा, तपकरा, कमडारा, खूंटी, मुरहू, बंदगांव, गुमला, रांची आदि क्षेत्रों से सरना धर्मावलंबी शामिल हुए।
हिन्दुस्थान समाचार/अनिल