राष्ट्रीय पुस्तक मेला में देवेश के दो उपन्यासों का लोकार्पण

 


रांची, 31 दिसंबर (हि.स.)। राजधानी रांची के शहीद चौक स्थित जिला स्कूल मैदान में समय इंडिया, नई दिल्ली के तत्वावधान में आयोजित 10 दिवसीय राष्ट्रीय पुस्तक मेला में बुधवार को उपन्यासकार देवेश की दो उपन्यासों ब्लैक प्रिन्स और अनोखा बन्धन का लोकार्पण किया गया।

दोनों उपन्यासों का लोकार्पण राज्यसभा सांसद महुआ माजी और झारखंड के वरिष्ठ साहित्यकार और सामाजिक कार्यकर्ता महादेव टोप्‍पो ने किया। इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्‍यकार अशोक प्रियदर्शी और रांची विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के पूर्व अध्यक्ष जेबी पांडेय उपस्थित थे।

मौके पर अतिथियों ने दोनों उपन्यासों के लिए उपन्याससकार को बधाई दी और उपन्यास में आदिवासी जीवन और झारखंड की पृष्ठभूमि को विषय वस्तु बनाकर कथा को विस्तार देने के लिए सराहना की।

कार्यक्रम में कथाकार देवेश ने दोनों उपन्यासों पर प्रकाश डाला।

उल्‍लेखनीय है कि पुस्तक मेला 4 जनवरी तक जारी रहेगी। मेले में पुस्तक प्रेमियों के लिए प्रवेश की समयावधि प्रातः 11 बजे से शाम 7.30 बजे तक है।

लेखक से मिलिए और संवाद कार्यक्रम

पुस्तक मेले में लेखक से मिलिए कार्यक्रम में स्थनीय लेखिका रश्मि ने अपनी सृजन यात्रा पर प्रकाश डाला और पाठकों के सवालों का जवाब दिया। संवाद कार्यक्रम के तहत मीडिया और साहित्य विषय पर चर्चा हुई जिसमें स्थानीय लेखकों और मीडिया जगत से जुड़े व्यक्तित्वों ने अपने विचार व्यक्त किया। साथ ही मीडिया और साहित्य के समक्ष मौजूद चुनौतियों की चर्चा की।

मेले में मौजूद साहित्य की चर्चित और स्तरीय पुस्तकें

पुस्तक मेले में जीवन और समाज से जुड़े अन्य विषयों की महत्वपूर्ण पुस्तकें पाठकों के लिए खासतौर पर उपलब्ध हैं।

ऐसे पाठक जिन्हें धर्म, राजनीति, मीडिया, सिनेमा, इतिहास, परम्परा और संस्कृति से जुड़े विषयों की पुस्तकों की तलाश है वे मेले में लगे स्टॉल्स पर पा सकते हैं।

वहीं राजपाल एंड संस के स्टॉल पर मोहन राकेश की रचना संसार, उनकी प्रिय कहानियां, मोहन राकेश के संपूर्ण नाटक, मोहन राकेश की डायरी, जे कृष्णमूर्ति की सीखने की चाह, महेन्द्र मधुकर का कस्मै देवाय, एपीजे अब्दुल कलाम की चर्चित पुस्तकें, बेनजीर भुट्टो की मेरी आपबीती जैसी पुस्तकें उपलब्ध हैं। इसके अलावा प्रकाशन संस्थान के स्टॉाल पर सामाजिक, राजनीतिक और इतिहास पर केन्द्रित देशी-विदेशी इतिहासकारों की मौलिक और अनूदित पुस्तकों का अनूठा संसार पसरा है। ऐसी ही किताबें झारखंड झारोखा और क्रांउन बुक्स की स्टॉिल पर खरीदने के लिए उपलब्ध हैं। पुस्तक मेले में समय प्रकाशन और यश प्रकाशन के स्टॉझल पर डॉ उर्मिला प्रकाश मिश्रा की भारत के लोकजीवन में लोक कल्याण की परम्परा, डॉ ओमप्रकाश सिंह की अगर राममनोहर लोहिया होते, डॉ कुसुम पटोरिया की जागरण के अग्रदूत डॉ भीमराव अम्बेडकर, समाजवादी समतावादी चिंतक रघु ठाकुर की विकल्प की खोज, डॉ पीडी सावे की महाराजा शिवाजी राव होल्कर की पुस्तकें पाठकों को अपनी ओर खींच रही हैं।

परिचर्चा और कवि सम्मेलन एक जनवरी को

पुस्तक मेले में झारखंड, संस्कृति और जनजीवन विषय पर परिचर्चा एक जनवरी और काव्य रसिक श्रोताओं के लिए नए वर्ष के प्रथम दिन कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। कवि सम्मेलन में काव्य प्रेमी श्रोता स्थानीय कवियों की कविताओं के पाठ का आनन्द उठा सकेंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak