जेपीपी का मना 35वां स्थापना दिवस, बेसरा ने कहा पेसा नियमावली में है कई पेंच

 


रांची, 30 दिसंबर (हि.स.)। झारखंड पीपुल्स पार्टी (जेपीपी) ने मंगलवार को पुराना विधानसभा स्थित विधायक क्लब में 35वां स्थापना दिवस मनाया। कार्यक्रम में पार्टी के संस्थापक सह केंद्रीय अध्यक्ष सूर्य सिंह बेसरा ने राज्य की हेमंत सरकार पर जमकर निशाना साधा।

उन्होंने कहा कि पेसा नियमावली को कैबिनेट से पास कराने के नाम पर हेमंत सरकार जश्न मना रही है, लेकिन इसके भीतर कई गंभीर पेंच छिपे हुए हैं। आगे चलकर यह नियमावली भी उसी तरह कानूनी उलझनों में फंस सकती है, जैसे 1932 आधारित स्थानीय नियोजन नीति फंसी थी।

सूर्य सिंह बेसरा ने कहा कि भारत सरकार ने वर्षों पहले पेसा कानून लागू करने की बात कही थी, लेकिन इसे जानबूझकर लटकाया गया। अब जब सरकार को न्यायालय की फटकार पड़ी, तो इसे पास कराने का ढिंढोरा पीटा जा रहा है।

बेसरा ने कहा कि जिस कानून को झारखंड बनने के 25 वर्षों के भीतर लागू हो जाना चाहिए था, उसमें भारी विलंब हुआ। इसके लिए उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा, भाजपा और कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दलों को जिम्मेदार ठहराया। यदि राज्यवासियों के विकास की सच्ची मंशा होती, तो पेसा कानून और स्थानीय नीति के लिए 25 साल इंतजार नहीं करना पड़ता।

कार्यक्रम में बेसरा ने पार्टी के नीति-सिद्धांतों और झारखंड आंदोलन के संघर्ष को याद करते हुए कहा कि आज भी भगवान बिरसा मुंडा के सपनों का झारखंड अधूरा है। सांसद रिश्वत कांड जैसी घटनाओं से आंदोलन की मूल भावना को गहरा आघात पहुंचा है, बावजूद इसके जेपीपी अपने सिद्धांतों पर अडिग है।

इस अवसर पर पश्चिम बंगाल की झारखंड जातीय पार्टी (जेजेपी) का जेपीपी में औपचारिक विलय हुआ। जेजेपी के प्रदेश अध्यक्ष गौरचन्द्र हेंब्रम ने वृहद झारखंड की अवधारणा को आगे बढ़ाने की बात कही। कार्यक्रम में पंकज मंडल और देवीदयाल मुंडा ने भी अपने विचार रखे।

कार्यक्रम में बंगाल से आए गौरचन्द्र हेंब्रम और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar