कुष्ठ रोग को लेकर समाज में फैली भ्रांति और भेदभाव को खत्म करना जरूरी : शशि प्रकाश
रांची, 16 दिसंबर (हि.स.)। राजधानी के होटल आर्या में मंगलवार को कुष्ठ रोग सहित त्वचा जनित उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों और दिव्यांगजन समावेशन को लेकर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
यह कार्यक्रम अंटील लेप्रसी इंडस अभियान के तहत आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य कुष्ठ रोग के प्रति सामाजिक जागरूकता बढ़ाना और इसके उन्मूलन की दिशा में प्रयासों को तेज करना है।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड के मिशन निदेशक शशि प्रकाश झा शामिल हुए।
मौके पर उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग के खिलाफ राज्य में लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इस बीमारी को लेकर समाज में फैली भ्रांतियों और भेदभाव को समाप्त करना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग से पीड़ित व्यक्ति को समाज से अलग करने के बजाय समय पर पहचान और इलाज के जरिए सामान्य जीवन में लौटाया जा सकता है।
कार्यक्रम में बताया गया कि कुष्ठ रोग माइक्रोबैक्टीरियम लेप्रे जीवाणु के कारण होने वाली एक पुरानी संक्रामक बीमारी है, जो मुख्य रूप से त्वचा और नसों को प्रभावित करती है। समय पर उपचार नहीं मिलने पर यह दिव्यांगता का कारण बन सकती है। विशेषज्ञों ने कहा कि शुरुआती पहचान और नियमित इलाज से इस रोग को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।
बैठक में राज्य सरकार, विश्व स्वास्थ्य संगठन, एनजीओ और अन्य सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। चर्चा के दौरान कुष्ठ और लिम्फैटिक फाइलेरियासिस उन्मूलन, दिव्यांगजन देखभाल, पुनर्वास और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने पर जोर दिया गया।
कार्यक्रम में बताया गया कि जागरूकता अभियान, सामुदायिक भागीदारी और मीडिया सहयोग से कुष्ठ रोग के प्रति कलंक को कम किया जा सकता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak