चाईबासा घटना के बाद सरकार का बड़ा फैसला, सभी जिलों के सदर अस्पतालों में होंगे चार-चार मोक्ष वाहन

 


रांची, 21 दिसंबर (हि.स.)। झारखंड के चाईबासा में झोले में शिशु के शव को ले जाने की हालिया घटना के बाद राज्य की सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था को अधिक संवेदनशील और जवाबदेह बनाने की दिशा में राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने राज्य के सभी जिलों में मोक्ष वाहन की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया है।

स्वास्थ्य मंत्री ने रविवार को आदेश जारी करते हुए कहा कि राज्य के सभी जिलों के सदर अस्पतालों में अनिवार्य रूप से चार-चार मोक्ष वाहन (मॉर्च्युरी वाहन) उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने निर्देश दिया कि एक माह के भीतर सभी जिलों में इन वाहनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, ताकि शोकाकुल परिवारों को कठिन समय में किसी भी प्रकार की अमानवीय परिस्थिति का सामना न करना पड़े। इस योजना पर लगभग 15 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

चाईबासा प्रकरण पर स्थिति स्पष्ट करते हुए डॉ. अंसारी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को बदनाम करने के उद्देश्य से जानबूझकर तथ्यों को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किया गया। जांच रिपोर्ट के अनुसार संबंधित बच्चा मात्र चार माह का था, जबकि कुछ माध्यमों में उसकी उम्र चार वर्ष बताई गई। उन्होंने बताया कि परिजन स्वयं बच्चे को लेकर चले गए थे और मौके पर दो मोक्ष वाहन मौजूद थे, जिनमें से एक तकनीकी कारणों से खराब था, जबकि दूसरा वाहन वहां पहुंचने ही वाला था।

स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि 108 एंबुलेंस सेवा मरीजों के परिवहन के लिए होती है, जबकि मोक्ष वाहन एक अलग व्यवस्था के अंतर्गत संचालित किए जाते हैं। उन्होंने मीडिया से अपील की कि समाचार प्रसारित करने से पहले तथ्यों की गंभीरता से जांच करें। साथ ही जिला उपायुक्तों को निर्देश दिया गया है कि भ्रामक और फर्जी खबरें फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

डॉ. अंसारी ने यह भी भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार स्वास्थ्यकर्मियों के मनोबल के साथ मजबूती से खड़ी है और वर्षों की उपेक्षा के बाद अब स्वास्थ्य सेवाओं में ठोस और संरचनात्मक सुधार किए जा रहे हैं।--------------

हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar