बालू लूट में माफिया और पुलिस के साथ राज्य सरकार भी शामिल : बाबूलाल
-अवैध बालू खनन को लेकर बाबूलाल मरांडी का हेमंत सरकार पर हमला
रांची, 19 दिसंबर (हि.स.)। झारखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने शुक्रवार को राज्य में बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध बालू खनन को लेकर राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर जोरदार हमला बोला है।
मरांडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए आरोप लगाया कि जमशेदपुर के भुइयांडीह क्षेत्र में स्वर्णरेखा नदी से नावों के जरिए अवैध बालू खनन किया जा रहा है। बालू को बोरों में भरकर नदी किनारे रखा जाता है और इसके बाद परिवहन किया जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस पूरे खेल में राज्य सरकार, माफिया और पुलिस सभी शामिल हैं।
मरांडी ने यह भी दावा किया कि बालू से होने वाली अवैध कमाई के कारण ही मुख्यमंत्री पेसा कानून को लागू नहीं कर रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आदिवासी हितों की सुरक्षा के लिए बने कानून को लागू नहीं करने वाले मुख्यमंत्री खुद को किस अधिकार से आदिवासी कहते हैं, यह समझ से परे है। उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा बालू खनन पर रोक के बावजूद अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है और आम लोगों को ऊंची कीमत पर बालू बेची जा रही है। अदालत में समय मांगा जाता है और बाहर निकलते ही जनता को लूटने का काम शुरू हो जाता है।
मरांडी ने चुनौती देते हुए कहा कि यदि यह सब मुख्यमंत्री की सहमति से नहीं हो रहा है, तो हेमंत सोरेन अवैध बालू खनन रोक कर दिखाएं और माफिया के खिलाफ कार्रवाई करें। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और माफिया भ्रष्टाचार के लिए एक-दूसरे पर निर्भर हो गए हैं। सरकार कार्रवाई नहीं करती और माफिया समय पर अपना हिस्सा पहुंचाते हैं, जिससे झारखंड के संसाधनों को दीमक की तरह चाटा जा रहा है।उन्होंने कहा कि यह झारखंड का दुर्भाग्य है कि जिन लोगों को जल, जंगल और जमीन के नाम पर सत्ता सौंपी गई, उन्हीं के स्वार्थ और लालच के कारण राज्य की प्राकृतिक संपदा खतरे में पड़ गई है।
मरांडी ने आरोप लगाया कि पड़ोसी राज्य में चारे का घोटाला हुआ, लेकिन हेमंत सरकार उससे भी आगे बढ़कर बालू के घोटाले में लिप्त है। इसी लालच के चलते पेसा नियमावली लागू नहीं की जा रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब वे बालू, कोयला, पत्थर और शराब से जुड़े मुद्दे उठाते हैं, तो मुख्यमंत्री इसे लेकर सवाल खड़े करते हैं। उन्होंने कहा कि यदि इन संसाधनों को काली कमाई का जरिया बनाकर राज्य को लूटा जा रहा है, तो सवाल भी इन्हीं मुद्दों पर उठेंगे।
मरांडी ने कहा कि यदि उनके आरोप गलत हैं तो मुख्यमंत्री उदाहरण सहित खंडन करें, और यदि कोई गलती हुई होगी तो वे सार्वजनिक रूप से उसे स्वीकार करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि चोरी और सीनाजोरी ज्यादा दिन नहीं चलती और जनता अंततः पूरा हिसाब करती है। चारे का भी हुआ और बालू का भी होगा।----------------
हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे