हिन्दू राष्ट्र नहीं, रामराज्य की अवधारणा को साकार करने की आवश्यकता: देवकीनंदन
पलामू, 24 नवंबर (हि.स.)। प्रख्यात कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर ने कहा कि हिन्दू राष्ट्र से अच्छा राम राज्य की अवधारणा को सत्ता द्वारा व्यवहारिक रुप देने से सामाजिक विसंगतियां दूर होगी। देवकीनंदन शुक्रवार को जिला मुख्यालय मेदिनीनगर में स्थानीय संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। मेदिनीनगर के हाउसिंग कॉलोनी में आयोजित श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ सह श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया गया है। इसमें बतौर कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर भाग ले रहे हैं।
देवकी नंदन ठाकुर ने कहा कि जितना अंग्रेजी हुकूमत में साधू-संतों को नहीं प्रताड़ित होना पङा, उतना आजाद भारत में प्रताड़ित हुए हैं। यह हिन्दू राज, राम राज्य के संकल्पना के विरुद्ध है, जिसे रोका जाना चाहिए।
तथाकथित संत आसाराम, राम रहीम और रामपाल के जेलों में कैद होने की पृष्ठभूमि में कथावाचक ठाकुर ने कहा कि इनको जमानत इसलिए नहीं मिल रही है कि सनातन धर्म को इससे बल मिलता है, जबकि केरल में चौदह किशोरियां के बलात्कार के आरोपी धर्म गुरु को आसानी से जमानत पर रिहाई के आदेश जारी हो जाते हैं, इसे क्या समझा जाए?
उन्होंने कहा कि 1670 में मुगल बादशाह औरंगजेब ने मथुरा मंदिर को ध्वस्त कर ईदगाह बनाया था और मंदिर की मूर्तियां जामा मस्जिद के सीढियों में दबा दी थी, इससे सनातन धर्म, समाज की भावना आहत है और उसे अतिक्रमण मुक्त करने की मांग कर रहे हैं तो कोई गुनाह नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने मांग की है कि हिन्दुओं के मंदिर-धर्मस्थलों-देवालयों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया जाए और अबतक इनसे हुई आय से भारत के सभी जिलों में पांच-पांच गुरुकुलम विद्यालय स्थापित किया जाए, ताकि बालपन से विद्यार्थियों को अपनी संस्कृति के ढाला जा सके।
हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप