पलामू के एके सिंह कॉलेज में नियमों की अनदेखी कर प्राचार्य पद पर जूनियर शिक्षक को प्राथमिकता

 


पलामू, 11 जनवरी (हि.स.)। नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय से संबद्ध पलामू जिले के जपला स्थित एके सिंह कॉलेज में विश्वविद्यालय अधिनियम एवं राजभवन से आए निर्देश को ताक पर रखकर प्रभारी प्राचार्य की नियुक्ति की गई है। जून 2023 में राज्यपाल सचिवालय ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को एक निर्देश जारी किया था, जिसमें कहा गया है कि विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत सभी श्रेणी के संबद्ध कॉलेजों में प्रभारी प्राचार्य की नियुक्ति में वरीयता का अनुपालन करना अनिवार्य है लेकिन नियम और निर्देश की अनदेखी कर पूर्व शासी निकाय द्वारा प्राचार्य की नियुक्ति कर दी गयी।

इस मामले में नीपी विश्वविद्यालय प्रशासन भी तीन साल से मौन है। बहुत दिनों तक कॉलेज में शासी निकाय का गठन नहीं होने से जूनियर को प्राचार्य बनाने का मामला ठंडे बस्ते में था। राजभवन से आए निर्देश के आलोक में नीपी विश्वविद्यालय ने भी शासी निकाय पर ही मामले को थोपकर इसे टाल दिया। अब नए सिरे से कॉलेज में शासी निकाय का गठन किया गया है, जिसके अध्यक्ष पूर्व आईपीएस अधिकारी व सांसद वीडी राम एवं सचिव शिक्षाविद प्रफुल्ल कुमार सिंह हैं। इनके अलावा सदस्य के रूप में आईएएस अनुमंडल पदाधिकारी आशीष गंगवार हैं। शासी निकाय की बैठक भी हो चुकी है लेकिन जूनियर को प्राचार्य बनाने के मामले में अबतक कोई पहल नहीं की गयी है।

सूत्रों के अनुसार कॉलेज के शिक्षकों व शिक्षकेतर कर्मचारियों ने शासी निकाय के अध्यक्ष एवं सचिव को पत्र लिखकर प्रभारी प्राचार्य सूर्यमणि सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें अविलंब हटाने की मांग की है। राजभवन द्वारा जारी पत्र में प्रभारी प्राचार्य बनाए जाने में कॉलेज के वरीय शिक्षक को प्राथमिकता देने की बात कही गई है लेकिन नीपी विश्वविद्यालय से संबंध एके सिंह कॉलेज, जपला में दर्जनों वरीय शिक्षकों को दरकिनार कर बहुत ही जूनियर को प्रभारी प्राचार्य बनाया गया है।

जानकारी के अनुसार वर्तमान प्रभारी प्राचार्य की नियुक्ति में विश्वविद्यालय के नियमों एवं कुलाधिपति सह राज्यपाल के निर्देशों की अनदेखी करते हुए बहुत ही जूनियर शिक्षक सूर्यमणि सिंह को प्रभारी प्राचार्य बना दिया गया है। सिंह की कॉलेज में योगदान की तिथि 28 जून, 2010 है तथा वह पीएचडी डिग्रीधारक भी नहीं है जबकि कॉलेज के स्थापना काल से कार्यरत एवं पीएचडी डिग्रीधारक एक महिला शिक्षिका की योगदान तिथि 16 जुलाई 1984 है। इसी प्रकार कॉलेज में आठ अन्य पीएचडी डिग्रीधारक शिक्षक सहित 12 से ज्यादा शिक्षक वर्तमान प्रभारी प्राचार्य से सीनियर हैं।

जानकारी के अनुसार एक अन्य शिक्षक डॉ. अजय कुमार सिंह के योगदान की तिथि 12 मई, 1992 है। एक अल्पसंख्यक वर्ग के शिक्षक मो. अयूब सहित दो शिक्षकों के योगदान का वर्ष सितंबर 1997 है। इसके बावजूद प्रो. सूर्यमणि को शासी निकाय ने सभी सारे नियम को ताक पर रखकर जूनियर को प्रभारी प्राचार्य बना दिया। इससे कॉलेज कर्मियों में भी असंतोष व्याप्त है।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिलीप कुमार/चंद्र प्रकाश