नागरिकों की सेवा ही सीआरपीएफ के लिए सर्वोपरि : कमांडेंट

 




-सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट सहित दस जवानों ने किया रक्तदान

खूंटी, 20 फ़रवरी (हि.स.)। नागरिकों की उग्रवादियों-नक्सलियों से रक्षा करने के लिए तैनात सीआरपीएफ 94 बटालियन के अधिकारी और जवान न सिर्फ अपनी ड्यूटी भिा रहे हैं, बल्कि खूंटी के लोगों की जान बचाने के लिए अपना रक्तदान भी कर रहे हैं। जिले के अस्पतालों में खून की कमी को देखते हुए और सिविल सर्जन द्वारा कमांडेंट राधेश्याम सिंह से रक्तदान करने का आग्रह किये जाने पर सदर अस्पताल परिसर स्थित ब्लड बैंक में मंगलवार को सीआरपीएफ 94 बटालियन के सहायक कमांडेंट दीपक कुमार सहित दस जवानों ने रक्तदान किया। कार्यक्रम का उद्घाटन कमांडेंट राधेश्याम सिंह और सिविल सर्जन डॉ नागेश्वर मांझी ने संयुक्त रूप से किया।

मौके पर कमांडेंट ने कहा कि खूंटी जिले में खून की कमी और थैलेसिमिया से बच्चों की होनेवाली मौतों को रोकने और मासूमों की जान बचाने के लिए सीआरपीएफ के अधिकारियों और जवानों द्वारा समय-समय पर रक्तदान किया जाता है। कमांडेंट ने कहा कि सीआरपीएफ के लिए नागरिकों की सेवा ही सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ देंश की आंतरिक सुरक्षा के साथ ही नागरिकों की हमेशाा सेवा करती आई है और करती रहेगी। मौके पर सीआरपीएफ के द्वितीय कमान अधिकारी पीआर मिश्रा, सहायक कमाडेंट दीपक कुमार, सहायक कमांडेंट राजेंद्र कुमार और चिकित्सा पदाधिकारी डॉ विनय कुमार के अलावा कई अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।

रक्तदान के लिए लोगों को जागरूक होना होगा: डॉ विनय

सीआरपीएफ के चिकित्सा अधिकारी डॉ विनय ने कहा कि अभी भी खूंटी के लोगों में रक्तदान के लिए जागरूकता की कमी है, उन्हें जागरूक होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि खूंटी मंे थैलेसिमिया नामक एक बीमारी होती है, जिसमें खून नहीं बनता है और खून बनने के बाद भी नस्ट हो जाता है। यह बीमारी बच्चों में बचपन से ही होती है। इस बीमारी से पीड़ित बच्चों को हर छह महीने पर खून की जरूरत पड़ती है। इसलिए कमांडंेट राधेश्याम सिंह के निर्देश पर सीआरपीएफ द्वारा समय-समय पर रक्तदान किया जाता है। उन्होंने कहा कि अभी भी रक्तदान को लेकर समाज के लोगों में जागरूकता की कमी है और रक्तदान को लेकर कई गलतफहमी बनी हुई है। उन्होंने कहा कि हर स्वस्थ व्यक्ति को रक्तदान जरूर करना चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल