22 नवंबर से सेविका-सहायिका का चयन, एक अधिकारी का दो-दो प्रभार, चयन पर लग सकता है ग्रहण!
पलामू, 11 नवंबर (हि.स.)। उपायुक्त शशि रंजन के आदेशानुसार सभी बाल विकास परियोजना में रिक्त सेविका-सहायिका का चयन ग्राम सभा के माध्यम से 22 नवंबर से किया जाना है। महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के अधिसूचना संख्या-2239 दिनांक-30 सितंबर 2022 के अनुसार सेविका-सहायिका के चयन कमिटी के अध्यक्ष संबंधित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी हैं, जबकि छह सदस्यीय चयन कमिटी में संबंधित आंगनबाड़ी केंद्र की महिला पर्यवेक्षिका संयोजिका, संबंधित पंचायत के मुखिया एवं केंद्र के पोषक क्षेत्र से संबंधित पंचायत समिति सदस्य, महिला स्वास्थ्य परिदर्शिका या एएनएम तथा नजदीकी प्राथमिक/मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक को शामिल किया गया है।
नगर निकाय क्षेत्र में वार्ड पार्षदों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। अब ऐसी परिस्थिति में वार्ड सदस्य के स्थान पर चयन कमिटी में सदस्य कौन रहेगा? इसे अबतक स्पष्ट नहीं किया जा सका है। इसके पूर्व गत 28 अक्टूबर से होने वाली चयन प्रक्रिया में हुसैनाबाद नगर पंचायत क्षेत्र में निवर्तमान वार्ड पार्षदों को ही आमसभा में उपस्थित रहने संबंधी पत्र परियोजना स्तर पर दिया गया था, जिसकी वैधता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जिला स्तर पर स्थानीय व्यवस्था के तहत हुसैनाबाद एवं हैदरनगर के सीडीपीओ का अतिरिक्त प्रभार सुश्री शुभम बेला टोपनो को दिया गया है।
जानकारी के अनुसार 22 नवंबर से किये जाने वाले सेविका-सहायिका चयन की तिथि और समय सभी परियोजनाओं में एक समान है। इसके अलावे 15 नवंबर से 29 दिसंबर तक आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम भी निर्धारित है।
जानकारी के अनुसार मेदिनीनगर शहरी एवं ग्रामीण सीडीपीओ के प्रभार में वहां के सीओ अमरदीप सिंह बलहोत्रा हैं, जबकि हुसैनाबाद एवं हैदरनगर परियोजना में सीडीपीओ के प्रभार में शुभम बेला टोपनो हैं।
जिला समाज कल्याण शाखा द्वारा जारी आदेशानुसार 22 नवंबर को डालटनगंज शहरी एवं ग्रामीण और हुसैनाबाद व हैदरनगर के आंगनबाड़ी केंद्रों के रिक्त पद पर सेविका-सहायिका की चयन तिथि एवं समय निर्धारित है। इस कारण यह संभव ही नहीं है कि एक ही अध्यक्ष दो परियोजना के अलग-अलग जगहों पर एक ही तिथि को और एक ही समय पर आयोजित ग्रामसभा में शिरकत कर पायेंगे।
उल्लेखनीय है कि किसी भी चयन में गड़बड़ी के लिए चयन समिति के अध्यक्ष ही जिम्मेवार होते हैं। सूत्रों का कहना है कि एक अधिकारी के जिम्मे दो-दो परियोजना के सीडीपीओ के प्रभार के कारण अब एकबार फिर चयन प्रक्रिया पर ग्रहण लग सकता है।
हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप