राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर वाईआरएस ने जम्मू में निकाला मार्च

 


जम्मू, 6 अगस्त (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग जोर पकड़ रही है। युवा राजपूत सभा, वाईआरएस ने मंगलवार को जम्मू में एक महत्वपूर्ण मार्च निकाला। मार्च महाराजा हरि सिंह की प्रतिमा से शुरू होकर बिक्रम चौक तक गया और वापस शुरुआती बिंदु पर पहुंचा। वाईआरएस अध्यक्ष विक्रम सिंह चिब के नेतृत्व में प्रतिभागियों ने राज्य का दर्जा बहाल करने के नारे लगाए। मीडिया से बात करते हुए, चिब ने राज्य का दर्जा बहाल करने के अधूरे वादों पर समूह की निराशा व्यक्त की।

चिब ने कहा पिछले पांच सालों से हम राज्य का दर्जा पाने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन दुर्भाग्य से हमें केवल खोखले वादे मिलते हैं, जो हमें स्वीकार्य नहीं हैं। उन्होंने राज्य के दर्जे के ऐतिहासिक महत्व पर जोर दिया और इस बात पर प्रकाश डाला कि इसे उनके पूर्वजों ने लद्दाख, गिलगित, बाल्टिस्तान और कश्मीर जैसे क्षेत्रों में महान बलिदानों के माध्यम से अर्जित किया है।

चिब ने स्थानीय शासन के महत्व पर भी जोर दिया और मौजूदा नौकरशाही की आलोचना की। उन्होंने कहा मौजूदा नौकरशाहों को डोगराओं की वीरता और देशभक्ति के बारे में कोई जानकारी नहीं है क्योंकि उनमें से ज़्यादातर जम्मू-कश्मीर के नहीं हैं। डोगराओं की वीरता के कारण न तो मुगलों, न ही अंग्रेजों और न ही अफ़गानों ने जम्मू में घुसने की हिम्मत की।

पूर्व वाईआरएस अध्यक्ष राजन सिंह ने भी इन भावनाओं को दोहराया और कहा कि राज्य का दर्जा हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। उन्होंने कहा राज्य का दर्जा हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और जम्मू से बाहर के किसी भी व्यक्ति को इसे छीनने का कोई अधिकार नहीं है। इसे बहादुर और साहसी राष्ट्रवादी डोगरा सैनिकों ने अर्जित किया है। राजन ने महाराजा हरि सिंह की प्रतिमा को कंसर्टिना तार से घेरने की हाल ही में की गई घटना की भी निंदा की और चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसी हरकतें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।

वाईआरएस ने जम्मू-कश्मीर के लोगों से राज्य का दर्जा और स्थानीय सशक्तिकरण की उनकी वास्तविक मांग का समर्थन करने का आग्रह किया तथा उनके अधिकारों की लड़ाई में एकजुटता का आह्वान किया।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा / बलवान सिंह