क्लस्टर यूनिवर्सिटी जम्मू में एलओसीएफ और संशोधित पीजी कार्यक्रमों पर कार्यशाला

 


जम्मू, 23 दिसंबर (हि.स.)। क्लस्टर यूनिवर्सिटी ऑफ जम्मू (सीएलयूजे) ने गवर्नमेंट गांधी मेमोरियल (जीजीएम) साइंस कॉलेज, जम्मू के कॉन्फ्रेंस हॉल में लर्निंग आउटकम्स–बेस्ड करिकुलम फ्रेमवर्क (एलओसीएफ) तथा एक वर्षीय और दो वर्षीय संशोधित स्नातकोत्तर (पीजी) कार्यक्रमों की संरचना पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। यह कार्यशाला यूजीसी दिशानिर्देशों और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप आयोजित की गई, जो शैक्षणिक सत्र 2026–27 से संशोधित पीजी कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की तैयारी का हिस्सा रही।

कार्यशाला की अध्यक्षता क्लस्टर यूनिवर्सिटी जम्मू के कुलपति प्रो. के. एस. चंद्रशेखर ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में क्लस्टर यूनिवर्सिटी श्रीनगर के कुलपति प्रो. मोहम्मद मोबिन ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। कार्यक्रम की शुरुआत डीन अकादमिक अफेयर्स प्रो. (डॉ.) ट्विंकल सूरी के स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नए पीजी ढांचे के लिए लर्निंग आउटकम्स, मूल्यांकन रणनीतियों और सुविचारित पाठ्यक्रम संरचना की स्पष्ट समझ आवश्यक है।

कार्यशाला के रिसोर्स पर्सन के रूप में जम्मू विश्वविद्यालय की शिक्षा संकाय की डीन प्रो. रेणु नंदा और सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ जम्मू के शैक्षणिक अध्ययन विभाग के प्रो. जे. एन. बलिया ने अपने विचार रखे। प्रो. रेणु नंदा ने कहा कि संशोधित पीजी पाठ्यक्रम छात्र-केंद्रित, कौशल आधारित और समग्र विकास को बढ़ावा देने वाला होना चाहिए, ताकि एनईपी 2020 की परिकल्पना साकार हो सके। वहीं प्रो. जे. एन. बलिया ने आउटकम-बेस्ड एजुकेशन की अवधारणा पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि एलओसीएफ में विजन-मिशन, ग्रेजुएट एट्रिब्यूट्स, प्रोग्राम और कोर्स लर्निंग आउटकम्स का स्पष्ट समावेश आवश्यक है।

मुख्य अतिथि प्रो. मोहम्मद मोबिन ने अपने संबोधन में पीजी पाठ्यक्रमों में अकादमिक कठोरता, लचीलापन और सामंजस्य की आवश्यकता पर बल दिया। अध्यक्षीय संबोधन में प्रो. के. एस. चंद्रशेखर ने कहा कि आउटकम-बेस्ड शिक्षा उच्च शिक्षा को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुरूप बनाने में अहम भूमिका निभाएगी। कार्यशाला में रजिस्ट्रार, परीक्षा नियंत्रक, डीन, प्रिंसिपल, विभिन्न विश्वविद्यालय इकाइयों के निदेशक, बोर्ड ऑफ स्टडीज के संयोजक, पीजी कार्यक्रमों के समन्वयक और संकाय सदस्य बड़ी संख्या में शामिल हुए।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा