जम्मू-कश्मीर में चुनी हुई सरकार रेजर की धार पर काम कर रही है,फारूक अब्दुल्ला
श्रीनगर, 5 दिसंबर(हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में चुनी हुई सरकार रेजर की धार पर काम कर रही है क्योंकि उनके अनुसार सभी शक्तियां उपराज्यपाल में निहित हैं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक दिवंगत शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की 120वीं जयंती पर श्रीनगर शहर के हजरतबल इलाके में उनकी समाधि पर मीडिया को संबोधित करते हुए डॉ. अब्दुल्ला ने कहा कि हमारी सरकार के सत्ता में आने के बाद पिछले वर्ष के दौरान जो कुछ भी किया जा सकता था वह हमारे सिर पर लटकी तलवार के बावजूद किया गया है।
सभी शक्तियां उपराज्यपाल के पास हैं और हमें इन परिस्थितियों में उस्तरे की धार पर चलना होगा। जब हम राज्य का दर्जा मांगते हैं तो हम इसे अपने लिए नहीं करते हैं। हम चाहते हैं कि इसे बहाल किया जाए ताकि राज्य का दर्जा बहाल किया जा सके। यहां लोगों को फायदा होता है।
हमारे पास चार साल और हैं। बस धैर्य रखें और देखें कि आपके जीवन में कितना बदलाव आएगा। सभी विधायक नियमित रूप से अपने क्षेत्रों में जा रहे हैं और लोगों की समस्याओं पर ध्यान दे रहे हैं। लोगों को भी अपने व्यवहार में ईमानदार होना होगा। सरकारी निर्माण कार्य में लगे स्थानीय ठेकेदारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका काम ईमानदार हो। अब ठेके पाने के लिए आपको ई-टेंडरिंग के माध्यम से प्रतिस्पर्धा करनी होगी।
ठेकेदारों को इंजीनियरों की पसंद पर काम मिलने के दिन अब ख़त्म हो गए हैं।
राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण बयान में उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में बूढ़ों के दिन खत्म हो गए हैं। युवाओं को आगे आकर सार्वजनिक जीवन में अपना योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। महिलाओं को समाज के विकास में सार्थक योगदान देने के लिए आगे आना होगा।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर समेत पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं और चौधरी मोहम्मद रमजान, मुबारक गुल, नजीर गुरेजी और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी संस्थापक की मजार पर 'फतेहा' की नमाज अदा की।
दिवंगत शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की जयंती से जुड़े दिन के कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में उनके पोते उमर अब्दुल्ला ने हजरतबल तीर्थ में दो नए द्वारों की आधारशिला रखी।
दरगाह की ओर जाने वाली मुख्य सड़क पर बाब-उल-सलाम और बाब-उल-नूर नाम के द्वार बनाए जा रहे हैं।
एनसी के मुख्य प्रवक्ता तनवीर सादिक ने कहा कि परियोजना का उद्देश्य कश्मीर के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक में प्रवेश बिंदुओं को बढ़ाना और शेख अब्दुल्ला की जयंती पर उनकी विरासत का सम्मान करना है।
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हिन्दुस्थान समाचार / राधा पंडिता