ज्ञानेश्वर की स्मृति में किया विशेष कार्यक्रम का आयोजन

 


जम्मू, 4 दिसंबर (हि.स.)। जम्मू व कश्मीर कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी जम्मू के सहयोग से डोगरी संस्था जम्मू ने प्रसिद्ध डोगरी कवि और साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता स्वर्गीय ज्ञानेश्वर शर्मा की स्मृति में के.एल.सहगल हॉल, राइटर्स क्लब अभिनव थियेटर जम्मू में समारोह किया। भारत सिंह मन्हास, सचिव जम्मू व कश्मीर कला, संस्कृति और भाषा अकादमी इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे, शैलेन्द्र सिंह (जेकेपीएएस) , एक प्रसिद्ध डोगरी उपन्यासकार तथा साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता विशेष अतिथि थे, जबकि प्रो. ललित मगोत्रा, अध्यक्ष डोगरी संस्था जम्मू ने समारोह की अध्यक्षता की।

समारोह के दौरान, ज्ञानेश्वर द्वारा लिखित गीतें दी रहोल नामक डोगरी गीतों का एक संग्रह जारी किया गया। प्रख्यात भाषाविद् और डोगरी लेखिका प्रो. वीणा गुप्ता ने पुस्तक पर एक विस्तृत पेपर प्रस्तुत किया। पुस्तक विमोचन समारोह के बाद संगीत संध्या की प्रस्तुति हुई, जिसमें दिवंगत कवि ज्ञानेश्वर द्वारा लिखे गए छह गीत उनकी बेटियों द्वारा प्रस्तुत किए गए। इन गीतों की संगीत रचना केंद्र शासित प्रदेश जम्मू व कश्मीर के प्रख्यात संगीतकार बृजमोहन ने की थी।

इस अवसर पर बोलते हुए मुख्य अतिथि भारत सिंह मन्हास ने कहा कि कलाकारों एवं साहित्यकारों का जो भी रचनात्मक योगदान होगा, उसमें वे सदैव हाथ बढ़ाने को तैयार हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि अकादमी हमेशा रचनात्मक पहल का स्वागत करेगा और मंच प्रदान करेगा। इस अवसर पर विशेष अतिथि शैलेन्द्र सिंह ने अपने संबोधन में कवि के साथ अपने जुड़ाव को याद किया और कहा कि ज्ञानेश्वर निस्संदेह एक प्रसिद्ध कवि थे, जिन्होंने साहित्यिक क्षेत्र में महान योगदान के साथ अपनी पहचान बनाई और इस प्रकार डोगरी साहित्य को समृद्ध किया।

प्रो. ललित मगोत्रा ने अपने अध्यक्षीय भाषण में ज्ञानेश्वर के साथ अपने लंबे जुड़ाव को भी याद किया। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम ने निश्चित रूप से दर्शकों को एक व्यापक कैनवास के साथ कवि को जोड़ा है और इस प्रकार डोगरी साहित्य में उनके रचनात्मक योगदान को प्रस्तुत किया गया। उन्होंने याद किया कि वह न केवल एक उत्कृष्ट डोगरी लेखक थे, बल्कि एक बहुत अच्छे क्रिकेटर भी थे, जिन्होंने कई रणजी ट्रॉफी मैचों में जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन राज्य का प्रतिनिधित्व किया था।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान