गुलाब गाथा का विशेष प्रदर्शन नटरंग में आयोजित, 203वीं राजतिलक जयंती पर ऐतिहासिक श्रद्धांजलि

 


जम्मू, 17 जून (हि.स.)। महान डोगरा सम्राट महाराजा गुलाब सिंह की 203वीं राजतिलक जयंती के उपलक्ष्य में नटरंग संस्था द्वारा उनकी जीवनगाथा पर आधारित प्रसिद्ध हिंदी फिल्म गुलाब गाथा के राजतिलक प्रकरण का विशेष प्रदर्शन नटरंग स्टूडियो थियेटर में आमंत्रित दर्शकों के लिए किया गया। इस महत्वपूर्ण दृश्य को ऐतिहासिक स्थल जिया पोता, अखनूर में फिल्माया गया था, जो अपने आप में एक ऐतिहासिक श्रद्धांजलि रही। फिल्म के लेखक, निर्देशक और विचारकर्ता पद्मश्री बलवंत ठाकुर ने इस अवसर पर बताया कि इस प्रदर्शन का उद्देश्य युवा पीढ़ी को उनके समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ना है। उन्होंने खेद जताया कि स्थानीय इतिहास को विद्यालयों में पर्याप्त रूप से नहीं पढ़ाया जाता, जिससे युवा अपनी जड़ों से कटते जा रहे हैं।

इस भव्य फिल्म का निर्माण महाराजा गुलाब सिंह मेमोरियल ट्रस्ट के सहयोग से हुआ। ट्रस्ट के चेयरमैन डॉ. करण सिंह की प्रेरणा से यह पहला सिनेमाई प्रयास हुआ जो महान डोगरा शासक की कहानी को पर्दे पर लाता है। इससे पहले ठाकुर ने इसी विषय पर दो वर्षों के गहन शोध के बाद नाट्य प्रस्तुति भी तैयार की थी। गुलाब गाथा एक सामान्य सैनिक की असाधारण यात्रा को चित्रित करती है जिसने अपने साहस, रणनीति और कूटनीति के बल पर एक समृद्ध राज्य की स्थापना की। यह फिल्म गुलाब सिंह के चरित्र को नेपोलियन और सिकंदर जैसे महान नेताओं की श्रेणी में रखती है।

फिल्म में महाराजा गुलाब सिंह की भूमिका युवा बिस्मिल्ला खां पुरस्कार विजेता एवं एफटीआइआइ पासआउट सुनील कुमार पलवल ने निभाई है। उनके साथ जम्मू के कई प्रमुख रंगकर्मी जैसे अरविंद आनंद, मदन रंगीला, अनिल टिक्कू, सुमीत शर्मा आदि नजर आए। तकनीकी टीम मुंबई से बुलाई गई थी और समन्वय का कार्य मालूप सिंह, नीरज बड्याल, मोहम्मद यासीन और गौरव जम्वाल ने किया। यह विशेष प्रदर्शन डोगरा इतिहास को जीवंत बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा