बर्फीले उत्साह के बीच नए साल का स्वागत; सीमा पर मुस्तैद जवान पहरे पर

 

जम्मू,, 31 दिसंबर (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर में एक ओर जहां नए साल का स्वागत करने की तैयारियां जोर पकड़ रही हैं, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान से सटी सीमाओं पर तैनात भारतीय सेना के जवान कड़ाके की ठंड और कठिन हालात में देश की सुरक्षा में डटे हुए हैं।

घाटी में लगातार हो रही बर्फबारी से तापमान शून्य से नीचे पहुंच चुका है और कई स्थानों पर बर्फ की मोटी परत जमा हो गई है लेकिन इसके बावजूद सैनिक दिन-रात गश्त कर सीमा पर हर गतिविधि पर पैनी नजर रखे हुए हैं। जवान कई फीट बर्फ और हड्डियां जमा देने वाली ठंड के बीच अपने कर्तव्य पर अटल खड़े हैं ताकि किसी भी घुसपैठ या नापाक हरकत को नाकाम किया जा सके।

इधर नए साल से पहले हुई ताजा बर्फबारी ने घाटी के पर्यटन स्थलों का नजारा पूरी तरह बदल दिया है। पहलगाम, गुलमर्ग, सोनमर्ग और अन्य हिल स्टेशनों पर सफेद बर्फ की चादर बिछने से पर्यटकों की आवाजाही में तेजी दर्ज की जा रही है। होटल बुकिंग में बढ़ोतरी हुई है और हवाई अड्डों व बस अड्डों पर पर्यटकों की हलचल बढ़ने लगी है। हालिया आतंकी घटनाओं और पहलगाम हमले के बाद जो पर्यटन कारोबार प्रभावित हुआ था, वह अब फिर पटरी पर लौटता दिखाई दे रहा है।

पर्यटक घाटी के बर्फीले नजारों का आनंद लेते हुए नए साल का स्वागत करने के लिए उत्साहित हैं। स्थानीय कारोबारियों का मानना है कि यह बर्फबारी पर्यटन को नई ऊर्जा देगी और कारोबार में सुधार लाएगी। प्रशासन ने भी पर्यटकों की संख्या देखते हुए सुरक्षा और सुविधाओं को सुदृढ़ किया है ताकि किसी को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।

कुल मिलाकर जम्मू-कश्मीर इस समय दो तस्वीरों के बीच खड़ा है—एक ओर जश्न, उम्मीद और पर्यटकों की वापसी से उपजी खुशी तो दूसरी ओर सीमाओं पर तैनात वीर जवानों की सतर्कता, त्याग और दृढ़ संकल्प। यही संयोजन प्रदेश की आत्मा और पहचान को दर्शाता है जहां हर उत्सव की नींव में जवानों का परिश्रम और बलिदान शामिल रहता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / अश्वनी गुप्ता