बॉर्डर अलॉटी परिवारों को जमीन का स्थायी मालिकाना हक देने की शिवसेना हिंदुस्तान की मांग

 

जम्मू,, 9 दिसंबर (हि.स.)। शिवसेना हिंदुस्तान ने बॉर्डर क्षेत्रों में बसाए गए अलॉटी-जमींदारों के स्थायी मालिकाना हक की मांग को लेकर सरकार से कड़ा आग्रह किया है। पार्टी का कहना है कि चाहे 1947 के शरणार्थी हों, सीमा से विस्थापित परिवार हों या फिर बॉर्डर फेंसिंग के कारण प्रभावित लोग — सभी को सरकार द्वारा जमीन तो आवंटित की गई, लेकिन आज तक उन्हें उसकी विधिवत मालिकाना हक नहीं दिया गया।

पार्टी नेताओं ने आरोप लगाया कि रेवेन्यू विभाग के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर इन परिवारों को प्रताड़ित किया जाता है, उनकी जमीनों पर खंभे लगाकर यह दिखाया जाता है कि यह शासन की भूमि है। सीमा पर रहकर अपने घर-परिवार की सुरक्षा करने वाले इन लोगों के माता-पिता और जवानों ने देश की रक्षा के लिए बलिदान दिए परंतु बदले में उन्हें सिर्फ थोड़े से मुआवजे का भरोसा देकर चुप करा दिया जाता है। पुराने शासनकाल से लेकर वर्तमान संयुक्त प्रशासन तक ने उनकी पूरी समस्या का समाधान नहीं किया है।

शिवसेना हिंदुस्तान ने कहा कि 370 हटने के बाद उम्मीद जगी थी कि बॉर्डर के लोगों को राहत मिलेगी, लेकिन जमीनों की सीलिंग की कार्रवाई शुरू होकर कठिनाइयाँ बढ़ गईं। पार्टी ने उपराज्यपाल प्रशासन और सरकार से मांग की है कि सीमा पर रहने वाले परिवारों को उनकी जमीन पर स्थायी मालिकाना हक प्रदान किया जाए, ताकि वे सम्मान के साथ जीवन जी सकें। पार्टी ने कहा कि यह सिर्फ जमीन का नहीं, बल्कि बॉर्डर वालों की सुरक्षा, सम्मान और भविष्य से जुड़ा मुद्दा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / अश्वनी गुप्ता