सीयूजे के इसरो केंद्र से रेडियो-सोंडे का प्रक्षेपण किया गया

 


जम्मू, 29 मई (हि.स.) । सीयूजे ने अपने इसरो केंद्र से रेडियो-सोंडे के सफल प्रक्षेपण की घोषणा की है। यह प्रक्षेपण नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर, एनआरएससी, इसरो और सीयू जम्मू के बीच समझौता ज्ञापन का एक हिस्सा है। यह मील का पत्थर अंतरिक्ष विज्ञान अनुसंधान और प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने में अहम साबित होगी। वायुमंडलीय डेटा संग्रह के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण, रेडियो-सोंडे को विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं की एक टीम द्वारा सावधानीपूर्वक तैयार और लॉन्च किया गया था। इस प्रक्षेपण का उद्देश्य वायुमंडलीय स्थितियों और जलवायु परिवर्तन की हमारी समझ को बढ़ाना है, जो राष्ट्रीय और वैश्विक मौसम विज्ञान अनुसंधान दोनों में मूल्यवान डेटा का योगदान देता है।

प्रो. संजीव जैन, कुलपति, सीयूजे इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे और उन्होंने इस उपलब्धि पर टिप्पणी की, रेडियो-सोंडे का आज का सफल प्रक्षेपण अंतरिक्ष विज्ञान में नवाचार और अनुसंधान को बढ़ाने के लिए हमारी प्रतिबद्धता का उदाहरण है। यह संपूर्ण रेडियो-सोंडे प्रणाली प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया विजन के तहत इसरो द्वारा पूरी तरह से स्वदेशी रूप से विकसित की गई है। यह पहल न केवल हमारी शोध क्षमताओं को मजबूत करती है, बल्कि हमारे संस्थान को वायुमंडलीय अध्ययनों में अग्रणी बनाती है। यह इसरो द्वारा सीयूजे में स्थापित इस तरह की केवल तीसरी परीक्षण सुविधा है।

केंद्र के संयोजक प्रो. विनय कुमार ने बताया कि आज इस श्रृंखला का पहला प्रक्षेपण है; यह केंद्र सीयूजे के इसरो केंद्र से हर दो महीने में गुब्बारे लॉन्च करेगा। प्रो. कुमार ने बताया कि केंद्र दोपहर में इस मौसम गुब्बारे को लॉन्च कर रहा है और यह डेटा का एक अनूठा सेट प्रदान करेगा क्योंकि इस समय तक संवहन परत पूरी तरह से विकसित हो जाती है। अन्य केंद्र और संस्थान केवल सुबह और शाम के समय ही ऐसा कर रहे हैं। गुब्बारा 5 मीटर प्रति सेकंड की दर से 40 किमी की अधिकतम ऊंचाई तक ऊपर की ओर बढ़ेगा।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान