नशीली दवाओं के खतरे को उजागर करने के लिए नाटक जाल की प्रस्तुति की
जम्मू, 30 अगस्त (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर आबकारी विभाग ने नटरंग के सहयोग से शुक्रवार को घघवाल के सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में बलवंत ठाकुर के बहुचर्चित हिंदी नाटक 'जाल' का मंचन किया। नीरज कांत द्वारा निर्देशित इस नाटक में समाज पर नशीली दवाओं के दुरुपयोग के विनाशकारी प्रभाव को प्रभावशाली ढंग से दर्शाया गया, खासकर युवाओं पर। इस कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख हस्तियों में सांबा के डिप्टी कमिश्नर राजेश शर्मा, सांबा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विनय कुमार शर्मा और जम्मू के कार्यकारी डिप्टी एक्साइज कमिश्नर संजय भट शामिल थे।
'जाल' एक सम्मोहक नाटक है जो एक केंद्रीय विषय के तहत कई कहानियों को एक साथ जोड़ता है। नाटक में नवोन्मेषी ढंग से यह दर्शाया गया है कि किस तरह से नशे की लत समाज के ताने-बाने को कमजोर करती है, खास तौर पर देश के युवाओं को लक्षित करती है जो आबादी का सबसे ऊर्जावान और उत्पादक वर्ग है।
नाटक की एक मुख्य कहानी में एक ऐसे युवक को दिखाया गया है जो कॉलेज में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहा है। ऐसे साथियों के बीच जो नशीली दवाओं के सेवन में गहराई से डूबे हुए हैं। उसका अकेलापन और अंततः मादक द्रव्यों के सेवन के शिकार होना, नशीली दवाओं से प्रभावित वातावरण में व्यक्तियों द्वारा सामना किए जाने वाले दबावों को उजागर करता है। एक और मार्मिक दृश्य एक ग्रामीण परिवेश को दर्शाता है जहाँ शराब का सेवन बड़े पैमाने पर होता है जिससे गरीबी, घरेलू हिंसा और पारिवारिक कलह सहित कई सामाजिक मुद्दे सामने आते हैं। नाटक में एक ग्रामीण के दैनिक संघर्षों को स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है जिसकी शराब की लत उसके जीवन और परिवार को तबाह कर देती है, जिसका अंत दुखद और हिंसक परिणामों में होता है।
इन कहानियों के माध्यम से बलवंत ठाकुर की जाल नशीली दवाओं के खतरे से निपटने की तत्काल आवश्यकता पर जोर देती है। यह नाटक मादक द्रव्यों के सेवन के दूरगामी परिणामों की एक स्पष्ट याद दिलाता है और इस संकट को दूर करने के लिए सामूहिक प्रयास की वकालत करता है। इसमें युवाओं की सुरक्षा और सामाजिक मूल्यों में और गिरावट को रोकने के लिए नशीली दवाओं की लत के गंभीर प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का आह्वान किया गया है।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा