पीडीपी के पारा ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से उम्मीदवारों के लिए ऊपरी आयु सीमा बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी देने का आग्रह किया

 

श्रीनगर, 5 दिसंबर हि.स.। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने शुक्रवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से जम्मू और कश्मीर सरकार के उस प्रस्ताव को मंजूरी देने का आग्रह किया जिसमें संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा के लिए ऊपरी आयु सीमा बढ़ाने की मांग की गई है।

पीडीपी विधायक वहीद-उर-रहमान पारा ने कहा कि 7 दिसंबर को होने वाली परीक्षा से पहले अनुकूल मंजूरी उन युवा उम्मीदवारों के प्रति करुणा, निष्पक्षता और संवेदनशीलता को दर्शाएगी जिन्होंने कई झटके झेले हैं।

10 नवंबर को जम्मू और कश्मीर सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश की संयुक्त प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने वाले ओपन मेरिट उम्मीदवारों के लिए ऊपरी आयु सीमा को 35 वर्ष कर दिया था। पहले आयु सीमा 30 थी।

आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए ऊपरी आयु सीमा 37 वर्ष निर्धारित की गई है जबकि शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए यह 38 वर्ष है।

मैं जम्मू और कश्मीर के अनगिनत युवाओं की ओर से आपको लिख रहा हूं जो लंबे समय से जम्मू और कश्मीर संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा 2025 की तैयारी कर रहे हैं जो अब से सिर्फ दो दिन बाद है।

यह समझा जाता है कि जम्मू और कश्मीर सरकार ने उन उम्मीदवारों के लिए आयु में छूट की मांग करते हुए एक औपचारिक प्रस्ताव भेजा है जिन्होंने पूरी तरह से अपने नियंत्रण से बाहर की परिस्थितियों के कारण तैयारी के कीमती साल खो दिए हैं।

जम्मू-कश्मीर सरकार के मंत्रियों ने बार-बार कहा है कि यह प्रस्ताव सभी प्रक्रियात्मक पहलुओं में पूरा है और अब इसे केवल आपके विचार और अनुमोदन की प्रतीक्षा है। यह बातें पारा ने उपराज्यपाल सिन्हा को लिखे पत्र में कहीं। उन्होंने कहा कि चूंकि लेफ्टिनेंट गवर्नर की तरफ से कोई आखिरी फैसला नहीं बताया गया है इसलिए इस लंबी चुप्पी से उन उम्मीदवारों में अनिश्चितता और बहुत ज्यादा परेशानी पैदा हो गई है जो एक फेयर चांस की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

पीडीपी नेता ने कहा कि इस सही और बड़े पैमाने पर सपोर्टेड रिक्वेस्ट में और देरी या इसे मना करने से ऐसे समय में उनके मन में भेदभाव की भावना और बढ़ जाएगी जब संस्थानों में लोगों का भरोसा बहाल करना बहुत ज़रूरी है। समय पर और पॉजिटिव फैसला न केवल एक एडमिनिस्ट्रेटिव मामला सुलझाएगा बल्कि हमारे युवाओं के लिए इसका बहुत बड़ा सिंबॉलिक महत्व भी होगा।

उन्होंने कहा कि परीक्षा से पहले एक पॉजिटिव मंज़ूरी उन युवा उम्मीदवारों के प्रति दया निष्पक्षता और संवेदनशीलता दिखाएगी जिन्होंने कई मुश्किलों का सामना किया है।

उन्होंने कहा कि यह इस बात की पुष्टि करेगा कि उनकी आवाज़ मायने रखती है और जिस सिस्टम में वे सेवा करना चाहते हैं वह सच में उनके साथ खड़ा है। उन्होंने एलजी ऑफिस से पेंडिंग प्रपोज़ल को तुरंत मंज़ूरी देने का अनुरोध किया ताकि हजारों उम्मीदवार आत्मविश्वास के साथ और अनिश्चितता या अन्याय के बोझ के बिना परीक्षा में शामिल हो सकें।

हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह