जम्मू-कश्मीर वंदे भारत ट्रेनों में छह महीने में करीब 3.75 लाख यात्रियों ने की यात्रा
जम्मू, 31 दिसंबर (हि.स.)। पिछले छह महीनों में जम्मू और कश्मीर में वंदे भारत एक्सप्रेस से लगभग 37 लाख यात्रियों ने यात्रा की है जो जम्मू रेलवे डिवीजन के लिए परिचालन के पहले वर्ष में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
अधिकारियों ने बताया कि उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना के उद्घाटन के बाद 6 जून को श्री माता वैष्णो देवी कटरा और श्रीनगर के बीच प्रीमियम ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाकर शुरू किया गया था जिससे घाटी को देश के बाकी हिस्सों से हर मौसम में रेल संपर्क मिल गया है। वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक उचित सिंघल ने कहा कि डिवीजन ने यात्री सेवाओं, माल ढुलाई और राजस्व में लगातार वृद्धि दर्ज की है। उन्होंने बताया कि डिवीजन ने शुरुआती बाधाओं को पार कर लिया है और कम समय में ठोस परिणाम दिए हैं।
सिंघल ने बताया, ‘श्री माता वैष्णो देवी कटरा और श्रीनगर के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस से अब तक दो जोड़ी ट्रेनों में लगभग 37 लाख यात्रियों ने यात्रा की है।’ जनवरी 2025 में उद्घाटन किए गए और 1 जून से अधिसूचित इस विभाग ने माल गोदाम स्थापित करके और सैन्य उपकरणों से लेकर वाणिज्यिक माल तक की खेपों को संभालकर माल ढुलाई गतिविधि का विस्तार किया है।
अधिकारियों ने बताया कि बुनियादी ढांचे के उन्नयन में अमृत भारत योजना के तहत बैजनाथ पापरोला स्टेशन का पुनर्विकास, रियासी को वंदे भारत पड़ाव के रूप में चालू करना, प्रतिष्ठित चेनाब पुल का अध्ययन भ्रमण कराना और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कटरा और अमृतसर के बीच वंदे भारत सेवा शुरू करना शामिल है।
अधिकारियों के अनुसार बागवानी रसद को बढ़ावा देने के लिए 15 सितंबर को शुरू की गई जम्मू-पठानकोट-पंजाब रेल कॉरिडोर योजना से 20,000 टन से अधिक सेबों की आवाजाही संभव हुई है। अनंतनाग माल गोदाम एक प्रमुख माल ढुलाई केंद्र के रूप में उभरा है जहां 1.5 लाख टन से अधिक सीमेंट का प्रबंधन करने वाले ऑटोमोबाइल रेक, एफसीआई खाद्यान्न रेक और प्लास्टिक क्रेट, इंसुलेटेड पैनल और नमक जैसी अन्य वस्तुओं का परिवहन होता है।
पहली बार घाटी में टैंक और तोपें ले जाने वाली सैन्य ट्रेनों को शामिल किया गया जिससे रणनीतिक गतिशीलता में वृद्धि हुई है। अधिकारियों ने बताया कि पहलगाम हमले के बाद विशेष ट्रेनें चलाकर और हफ्ते के सातों दिन और चौबिस घंटे निगरानी के साथ कोचों की संख्या बढ़ाकर, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अधिकारियों के साथ समन्वय करके और 26 अगस्त की बाढ़ के बाद कटरा और संगलदान के बीच बाढ़ राहत विशेष ट्रेन चलाकर इस विभाग ने आपात स्थितियों से भी निपटा।
राजस्व के मोर्चे पर स्टेशनों, पुलों के नीचे बने स्थानों पर डिजिटल और स्थिर विज्ञापन तथा वंदे भारत ट्रेनों के अंदर एलईडी स्क्रीन और ब्रांडिंग के माध्यम से गैर-किराया आय में वृद्धि हुई। छोटे वाणिज्यिक आउटलेट और कियोस्क ने स्थानीय रोजगार सृजित किया और यात्रियों की सुविधा में योगदान दिया। पिछले तीन तिमाहियों में प्रवर्तन अभियानों के दौरान बिना टिकट और अनियमित यात्रा के 63,000 मामले पकड़े गए, जिनसे लगभग 3.72 करोड़ रुपये की वसूली हुई। विशेष जांच के दौरान फर्जी टिकट भी जब्त किए गए।
कर्मचारियों ने बताया कि लापता यात्रियों को उनके परिवारों से मिलाने और आपातकालीन सहायता प्रदान करने सहित अनुकरणीय सेवा के लिए 29 दिसंबर को दस कर्मचारियों को पीसीसीएम पुरस्कार से सम्मानित किया गया। नए व्यावसायिक पहलों में जम्मू तवी और पठानकोट कैंट में पार्सल पैकिंग, वन्यजीव विभाग के साथ भेड़ियों का परिवहन, टांडा स्टेशन से 2.7 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का गुड़ का परिवहन, चन्न अरोरियन माल गोदाम की अधिसूचना, कठुआ में आने वाले मक्के के रैक और टुकड़ों में कागज के परिवहन की शुरुआत शामिल है। मई-जून में कटरा और जम्मू से बांद्रा तक चेरी से भरी पंद्रह रैकें भेजी गईं और पहली बार कई एसएलआर (समुद्री वृत्तांत कैमरे) किराए पर लिए गए। सुरक्षा कार्यों में मासिक सुरक्षा बुलेटिन का शुभारंभ, आग के जोखिम को कम करने के लिए सीसे के तार से पार्सल सील करना और नवरात्रि, दिवाली-छठ के दौरान तथा इंडिगो संकट के दौरान उड़ान व्यवधानों को नियंत्रित करने के लिए भीड़ प्रबंधन शामिल था।
अधिकारियों ने कहा कि पहले वर्ष में तेजी से संस्थागत स्थिरता, बेहतर सेवाएं, राजस्व और माल ढुलाई राजस्व में वृद्धि और बेहतर प्रतिक्रिया प्रणाली देखने को मिली है जिससे यह विभाग क्षेत्र के लिए एक उभरते परिवहन और लॉजिस्टिक्स चालक के रूप में स्थापित हो रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह